अजमेर जिला पुलिस ने सोमवार को बड़े ठगी गैंग का खुलासा किया. ठगी के 2 आरोपियों को गिरफ्तार करने में सफलता हासिल की है. दोनों ठग शेयर मार्केटिंग में बड़ा मुनाफे का झांसा देकर लोगों को ठगने का प्रयास करते थे. पुलिस ने गिरफ्तार दोनों आरोपियों से 19 लाख 46 हजार 800 रुपए नगदी, 14 मोबाइल, 8 सिम, 4 एटीएम डेबिट कार्ड बरामद किया है. कई लोगों की पासबुक भी बरामद की गई है. इसके साथ ही पुलिस ने मामले में 8 लाख 75 हजार 500 रुपए बैंक अकाउंट में फ्रीज कर दिए हैं.
साइबर थाना पुलिस ने मामले में 28 अन्य आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है. गिरफ्तार दोनों आरोपियों को पुलिस रिमांड पर लेकर पूछताछ में जुटी है. सोमवार को मामले का खुलासा करते हुए अजमेर एसपी देवेंद्र कुमार बिश्नोई ने बताया कि पीड़ित को सोशल मीडिया पर कांटेक्ट कर शेयर मार्केट में बड़ा मुनाफा देने का झांसा देकर मोतीलाल ओसवाल पीएमएस का फर्जी एप डाउनलोड करवाया. बाद में एप के जरिए टुकड़ों में करीब एक करोड़ 24 लाख रुपए की ठगी पीड़ित से की गई.
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टीम का गठन कर कार्रवाई के निर्देश दिए गए थे
पीड़ित की ओर शिकायत मिलने के बाद साइबर थाने में मुकदमा दर्ज कर सब इंस्पेक्टर मनीष चारण के नेतृत्व में टीम का गठन कर कार्रवाई के निर्देश दिए गए थे. एसपी देवेन्द्र कुमार बिश्नोई ने बताया कि टीम ने संबंधित बैंकों के नोडल अधिकारी और अन्य कर्मचारियों के सहयोग प्राप्त कर आरोपियों को चिन्हित किया. इसके बाद पुलिस ने कार्रवाई करते हुए कुचेरा जिला नागौर निवासी हरीश शर्मा (20) पुत्र संजय शर्मा व डेगाना जिला नागौर निवासी रघुनाथ पुत्र रामदेव चौधरी को गिरफ्तार किया.
एसपी बिश्नोई ने बताया कि आरोपी हरीश शर्मा के कब्जे से 16 लाख 56 हजार 800 रुपए नगदी, दो मोबाइल और रघुनाथ के कब्जे से 12 मोबाइल, 4 पीएनबी बैंक की अन्य व्यक्तियों की पासबुक, 4 एटीएम डेबिट कार्ड, 8 मोबाइल सिम व 2 लाख 90 हजार नगदी जब्त की गई. वहीं पुलिस ने मामले में 28 अन्य आरोपियों के खिलाफ नामजद मुकदमा दर्ज किया है. मामले में दोनों आरोपियों से 19 लाख 46 हजार 800 रुपए नगद जब्त किए हैं. साथी 8 लाख 75 हजार 500 रुपए बैंक खातों में फ्रीज करवाए गए हैं. दोनों गिरफ्तार आरोपियों को कोर्ट में पेश कर रिमांड पर लेकर पूछताछ जारी है.
ऐसे देते थे वारदात को अंजाम
एसपी देवेन्द्र कुमार बिश्नोई ने बताया कि दोनों आरोपियों से पूछताछ में सामने आया कि साइबर ठगी करने के लिए विभिन्न सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के माध्यम से लोगों को अच्छा मुनाफा का झांसा देते थे. बाद में निवेश के नाम पर फर्जी तरीके से बैंक खातों में रकम डलवा कर क्रिप्टोकरेंसी/ USDT में बदलकर उक्त क्रिप्टोकरेंसी/ USDT को भारतीय मुद्रा में बदलकर फर्जी तरीके से प्राप्त अन्य बैंक खातों में डलवाकर नगद निकाल लेते हैं. गिरफ्तार दोनों आरोपियों से मामले में पूछताछ जारी है. पुलिस को इन आरोपियों से अन्य वारदाते खुलने की उम्मीद है.
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Source : News Nation Bureau