25 लाख की वसूली के लिए इंश्योरेंस एजेंट दीपक दुआ की अपहरण और हत्या के केस को सुलझाते हुये दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने चार आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है.
इन चारों ने दीपक दुआ को नोएडा में इंश्योरेंस पॉलिसी लेने के बहाने बुलाकर अगवा किया था. 25 लाख रुपए की वसूली करनी चाहिए थी, लेकिन दीपक दुआ ने एटीएम में सिर्फ ₹ 30 हजार होने की बात कही तो गला दबाकर जान से मार डाला. फिर हत्या कर शव बुलंदशहर की नहर में फेंक दिया था. इनके नाम विनोद कुमार, संदीप, मोनू शर्मा और सन्नी है.
यह सभी सट्टेबाजी में बर्बाद यानी कि कर्जदार थे, उसी खर्चे को उतारने के लिए इस खौफनाक वारदात की साजिश की थी. इस संबंध में प्रशांत विहार थाने में केस दर्ज किया गया था. क्राइम ब्रांच के डीसीपी राजेश देव के अनुसार, दीपक दुआ 6 जनवरी से लापता था. इस मामले की जांच क्राइम ब्रांच को सौंपी गई तो मोनू शर्मा पर शक गया. पुलिस ने उस पर नजर रखनी शुरू की. 22 जनवरी को सभी चारों आरोपियों को नांगलोई और आसपास के इलाकों से गिरफ्तार कर लिया. मर्डर की वजह के बारे में पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि क्रिकेट सट्टेबाजी में काफी नुकसान होने के चलते इस वारदात को अंजाम दिया था.
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वह जानते थे कि दीपक दुआ संपन्न है इसलिए उससे मोटी रकम वसूलने की साजिश की. साजिश भी शातिर अपराधियों की तरह. किडनैपिंग को अंजाम देने से पहले आरोपियों ने यूपी के कोसी कलां से फर्जी सिमकार्ड का बंदोबस्त किया था. उसी सिम के जरिए दीपक से संपर्क किया था. दीपक को झांसा दिया कि उन्हें मोटी इंश्योरेंस पॉलिसी लेनी है. 4 जनवरी को दीपक को नांगलोई मेट्रो स्टेशन के पास बुलाया. उसे दरियापुर ले गए लेकिन किन्हीं कारणों से अगवा नहीं कर पाये थे. एजेंट को भी इन पर शक नहीं हुआ था. फिर दोबारा 6 जनवरी को उसे नोएडा मेट्रो स्टेशन के पास बुलाया और वहां उसे कार में अगवा कर लिया था. बंधक बनाकर 25 लाख रुपये की वसूली मांगी गई लेकिन दीपक ने रुपये होने से इंकार कर दिया था.
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दीपक ने अपहरणकर्ताओं को अपने एटीएम से 30 हजार रुपये देने की बात कही तो आरोपी नाराज हो गए. गला घोंटकर हत्या कर दी. बाद में शव को बुलंदशहर के नजदीक एक नहर में ठिकाने लगा दिया था. लाश 17 जनवरी को रिकवर हुई थी. एक बार फिर एक और संगीन जुर्म के पीछे क्रिकेट के सट्टा रैकेट का हाथ सामने आया है. इससे पहले भी सट्टे के पीछे दिल्ली-एनसीआर में कई सनसनीखेज हत्याएं हो चुकी हैं. जिन चारों आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है, वह इससे पहले हनी ट्रैप और अन्य अपराधिक मामलों में लिप्त रहे हैं. यही वजह है कि जब वह लाखों के कर्जदार हो गए तो उन्होंने बड़ी आसानी से एक इंश्योरेंस एजेंट को नासिर फिरौती के लिए किडनैप कर लिया, बल्कि रुपए न मिलने पर हत्या करके बड़ी आसानी से लाश को ठिकाने लगा दिया था.