करोड़ों रुपये के सुपारी तस्करी घोटाले की चल रही जांच में केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने मुंबई, नागपुर और अहमदाबाद में 19 स्थानों पर छापेमारी की और आपत्तिजनक दस्तावेज, डिजिटल उपकरण और अन्य लेख जब्त किए. अधिकारियों ने बुधवार को यह जानकारी दी. इस साल फरवरी में बॉम्बे हाईकोर्ट के नागपुर बेंच के आदेश के अनुसरण में कस्टम हाउस एजेंटों, आयात करने वाली फर्मो के मालिकों/साझेदारों सहित कई निजी व्यक्तियों और अन्य के परिसरों पर छापे मारे गए थे.
अदालत का यह आदेश डॉक्टर महबूब एम.के. चिंतनवाला ने घटिया, असुरक्षित और अनुपयुक्त सुपारी/सुपारी की तस्करी के एक बड़े घोटाले पर प्रकाश डाला, जिससे सरकार को भारी नुकसान हुआ.
जांच के अनुसार, सरकारी अधिकारियों की मिलीभगत से बेईमान व्यापारियों ने फर्जी दस्तावेजों, मूल प्रमाणपत्रों, फर्जी या कम मूल्य वाले बिलों और चालानों के आधार पर साफ्टा-सार्क देशों से सामान आयात करने का दावा किया, और जाली सीमा शुल्क निकासी प्रमाणपत्र के कारण सरकार को सालाना लगभग 15,000 करोड़ रुपये कस्टडी ड्यूटी का नुकसान हुआ.
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जून 2016 में, अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर तस्करी कर लाए गए घटिया और खतरनाक सुपारी से लदे 23 वैगन नागपुर इतवारी स्टेशन पर पाए गए, लेकिन मामले की ठीक से जांच नहीं की गई.
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एक साल बाद, राजस्व खुफिया विभाग की जांच ने लगभग 698 टन सुपारी की तस्करी के चार मामलों का खुलासा किया, जो कि विदेशी मूल के होने का संदेह था, भारत-म्यांमार सीमा के माध्यम से तस्करी कर नागपुर और गोंदिया लाया गया था. सीबीआई ने कहा कि छापेमारी अभी भी जारी है और आगे की जांच जारी है.
Source : News Nation Bureau