प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने बुधवार को बयान में कहा कि उसने चाइनीज लोन एप मामले में अस्थायी रूप से 106 करोड़ रुपये की चल संपत्ति कुर्क की है. ईडी ने बताया कि चीनी नागरिकों की ओर से डमी निदेशकों की नियुक्ति करके कुछ फर्मों को शामिल किया गया था. इन्होंने कंपनी के कर्मचारियों के केवाईसी दस्तावेज प्राप्त किए और उन्हें निदेशकों के रूप में नियुक्त किया. यहां तक कि उनकी जानकारी या पूर्व सहमति के बिना ही उनके नाम पर बैंक खाते भी खोल डाले. इन फर्मों के जरिए आम जनता को तुरंत अल्पकालिक ऋण ऐप और अन्य माध्यमों से लोन प्रदान किया गया. इसके साथ उच्च प्रसंस्करण शुल्क लगाया. बाद लोन लेने वालों को डरा धमकाकर उनसे मानमाना ब्याज भी वसूला.
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ईडी के अफसरों ने बताया कि ये चीनी राष्ट्रीय-नियंत्रित संस्थाएं रेजरपे, कैशफ्री, पेटीएम, पेयू और ईजबज जैसे विभिन्न भुगतान गेटवे और कई बैंक खातों के साथ बनाए गए मर्चेंट आईडी के जरिए मनी लॉन्ड्रिंग गतिविधियों में शामिल हैं. ईडी ने कर्नाटक मनी-लेंडर्स एक्ट, 1961 की धाराओं के तहत कार्रवाई की है. साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन, बेंगलुरु द्वारा दर्ज एफआईआर के आधार पर मामले की जांच शुरू की.
Source : News Nation Bureau