भागलपुर. झारखंड के चतरा जिला पुलिस को रविवार बड़ी कामयाबी हाथा लगी. उसने भारतीय रेलवे में नौकरी दिलाने वाले अंतरराज्यीय गिरोह का भंडाफोड़ कर दिया है. गिरफ्तार किए गए शातिरों में चार भागलपुर के रहने वाले हैं. सरकारी नौकरी के नाम पर ठगी करने वालों ने एक युवक से 10 लाख 50 हजार रुपये लेकर नौकरी देने का वादा किया था. इन्होंने उसे नियुक्ति पत्र भी थमा दिया. चतरा सदर अनुमंडल के पुलिस पदाधिकारी ने इस गिरफ्तारी के बारे में बताया कि गुप्त सूचना मिली थी कि एक अंतरराज्यीय गिरोह यहां सक्रिय है. यह सरकारी नौकरी दिलाने के नाम पर ठगी करता है. इस गिरोह की धरपकड़ के लिए एक टीम का गठन हुआ. गिरोह में बिहार के भागलपुर के तीन शातिर शामिल हुए. बरारी थाना क्षेत्र के भागलपुर गांव निवासी ऋषिकेश कुमार, शाहकुंड थाना क्षेत्र के हरपुर गांव निवासी अमरजीत कुमार एवं अकबरनगर थाना क्षेत्र के बसंतपुर गांव निवासी अमित कुमार शामिल हैं.
वहीं, अन्य में उत्तर प्रदेश के सुल्ताना जिला के चांदा थाना क्षेत्र के इंदौली गांव निवासी अजय मौर्य, कुशीनगर जिला के पटहेरवा थाना क्षेत्र के दोघरा निवासी शुभम त्रिपाठी शामिल हैं. गिरफ्तार आरोपियों के पास से पुलिस ने छह एंड्रायड फोन, एक आइफोन, फर्जी नियुक्ति पत्र का फार्मेट, पैसा के लेनदेन से जुड़े डाक्यूमेंट व एक चार पहिया वाहन जब्त किया है.
सभी के खिलाफ मामला दर्ज कराया गया है. पुलिस की पूछताछ में इस गिरोह के शिकार हुए आनंद सिंह ने बताया कि ठगों ने रेलवे का फर्जी नियुक्ति पत्र देकर उसे पहले बिहार के गया एवं उत्तरप्रदेश के गोरखपुर ले गए थे. यहां नियुक्ति नहीं हो सकी. इसके बाद इन गिरोह के सदस्यों ने वन विभाग, चतरा में बहाली कराने के लिए उसे दोबारा चतरा वापस लाए. ठगों ने इस दौरान उससे साढ़े दस लाख की ठगी कर डाली. इस मामले के बाद पुलिस ने लोगों से अपील की है कि नौकरी के नाम पर पैसा कहीं न लगाएं वरना धोखाधड़ी का शिकार होंगे.
HIGHLIGHTS
- गुप्त सूचना मिली थी कि एक अंतरराज्यीय गिरोह यहां सक्रिय है
- गिरोह की धरपकड़ के लिए एक टीम का गठन हुआ
- गिरोह में बिहार के भागलपुर के तीन शातिर शामिल थे