बिहार के मुजफ्फरपुर में सरकार द्वारा संचालित बालिका गृह में रह रहीं लड़कियों का यौन शोषण करने और उन्हें प्रताड़ित करने का मामला सामने आने के बाद स्थानीय महिला थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई गई है।
पुलिस के अनुसार, मुंबई की टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंस की एक टीम ने राज्य के सभी बालिका गृहों का सोशल ऑडिट किया था। टीम ने 26 मई को उसकी रिपोर्ट बिहार सरकार और मुजफ्फरपुर जिला प्रशासन को भेजी, जिसमें यह मामला सामने आया।
रिपोर्ट में टीम ने स्वयंसेवी संस्था 'सेवा संस्थान संकल्प एवं विकास समिति' के खिलाफ तत्काल कानूनी प्रक्रिया शुरू करने और गहन छानबीन के साथ कार्रवाई करने की भी सिफारिश की है।
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पुलिस के एक अधिकारी ने शनिवार को बताया कि मामला प्रकाश में आने के बाद सामाजिक सुरक्षा कोषांग के सहायक निदेशक दिवेश कुमार वर्मा ने महिला थाने में बालिका गृह का संचालन कर रही स्वसंसेवी संस्था 'सेवा संस्थान संकल्प विकास समिति' के खिलाफ एक प्राथमिकी दर्ज कराई है, जिसमें साजिश रचकर यौन शोषण करने का आारोप लगाया गया है।
मुजफ्फरपुर की वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक हरप्रीत कौर ने कहा कि एक अडिट रिपोर्ट के आधार पर महिला थाने में एक प्राथमिकी दर्ज कराई गई है। पुलिस ने पूरे मामले की छानबीन शुरू कर दी है।
जांच के लिए पुलिस उपाधीक्षक के नेतृत्व में एक टीम का गठन किया गया है। साथ ही कई लोगों से पूछताछ की जा रही है।
वहीं जिले के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि पटना स्थित समाज कल्याण विभाग के निदेशक के निर्देश पर मुजफ्फरपुर की बाल संरक्षण इकाई ने बालिका गृह से सभी 44 लड़कियों को पटना सहित विभिन्न गृहों में स्थानांतरित कर दिया है।
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Source : IANS