दिल्ली के बुराड़ी में एक ही परिवार के 11 लोगों की रहस्यमयी मौत को लेकर जहां पुलिस एक ओर अंधविश्वास से जोड़कर आत्महत्या का ऐंगल देने की कोशिश कर रही है वहीं परिवार के एक रिश्तेदार ने पुलिस के इस दावे को खारिज करते हुए इसे गुमराह करने की कोशिश करार दिया है।
परिवार की रिश्तेदार सुजाता ने दावा किया है कि बुराड़ी में रहने वाला पूरा परिवार किसी भी तरह से बाबाओं, तंत्र-मंत्र और अंधविश्वास में यकीन नहीं करते थे।
सुजाता ने कहा,' किसी ने पूरे परिवार की हत्या की है। पुलिस की ओर से तंत्र-मंत्र से जोड़कर आत्महत्या की बात कहना सिर्फ मामले को गुमराह कर दबाने की कोशिश है।'
उन्होंने कहा,' पूरा परिवार पढ़ा-लिखा था और शांति प्रिय लोग थे। उन्हें बाबाओं और तंत्र-मंत्र में जरा भी विश्वास नहीं था।'
Someone killed them and all the reports on spiritual angle are bogus. This family was a happy and peace loving one who never believed in 'babas': Sujata, relative of the family who allegedly committed suicide in Delhi's Burari yesterday. pic.twitter.com/sgQrZJgWSP
— ANI (@ANI) July 2, 2018
गौरतलब है कि पुलिस ने अपनी जांच में दावा किया है कि भाटिया परिवार किसी बाबा के संपर्क में था। परिवार ने पूरी तैयारी के साथ आत्महत्या की और शायद वे अंधविश्वास, तंत्र-मंत्र जैसी चीजों पर बहुत यकीन करते थे।
पाइप का एंगल अंधविश्वास की तरफ कर रहा इशारा
भाटिया परिवार के घर में लगे 11 'पाइपों' का एंगल भी लोगों के मन में कई सारे सवाल खड़े कर रहा है। गौरतलब है कि भाटिया परिवार के घर के बाहरी दीवार पर एक छोटे दायरे में 11 पाइप आसपास लगे पाए गए हैं। इन पाइपों में से 7 पाइप सीधे और 4 मुड़े हैं।
वहीं मरने वालों में 7 महिलाएं और 4 पुरुष हैं। ऐसा माना जा रहा है कि इन पाइपों का अंधविश्वास से भी कोई संबंध हो सकता है।
डायरी में मौत के राज़
मृतकों के घर से जो डायरी मिली है उसके एक पन्ने पर लिखा है, 'पट्टियां अच्छे से बांधनी है। शून्य के अलावा कुछ नहीं दिखना चाहिए। सात दिन बाद पूजा लगातार करनी है। थोड़ी लगन और श्रद्धा से। कोई घर में आ जाए तो अगले दिन। गुरुवार या रविवार को चुनिए।'
इस तरह की बाते भी इशारा करती है कि परिवार किसी तंत्र-मंत्र के चक्कर में था।
एक ही परिवार के 11 लोगों की मौत की गुत्थी
बुराड़ी के संतनगर में रविवार को उस वक्त हड़कंप मच गया जब एक घर में पड़ोसी ने एक साथ कई शवों को लटका देखा। संदिग्ध परिस्थितियों में एक ही परिवार के 11 सदस्यों को मरा पाया।
इनमें से कुछ की आंखों पर पट्टियां बंधी थीं और वे फंदे पर लटके हुए थे। घटना की जानकारी पड़ोसियों ने तुरंत पुलिस को दी। पुलिस जब घर के अंदर गई तो दो मंजिला घर के आंगन में चार पुरुषों और सात महिलाओं के शवों को देखा। मृतकों में तीन किशोर भी शामिल थे।
संयुक्त पुलिस आयुक्त राजेश खुराना ने कहा, 'मरने वालों में से कुछ बरामदे में लगे रोशनदान की छड़ों में लगे फंदे से लटके पाए गए, जबकि अन्य फर्श पर पड़े पाए गए। इनकी आंखों पर पट्टियां बंधी थी और हाथ-पैर भी बंधे हुए थे।'
दुकान नहीं खुली तो पड़ोसी पहुंच गए घर, तब हुआ खुलासा
मरने वालों में दो भाई भूपिंदर (किराने की दुकान का मालिक) और प्लाइवुड स्टोर चलाने वाले ललित सिंह शामिल हैं।
खुराना ने कहा, 'दुकान रोजाना सुबह छह बजे खुल जाती थी लेकिन जब आज सुबह 7.30 बजे तक दुकान नहीं खुली तो एक पड़ोसी दूध खरीदने के लिए गया। पड़ोसी ने घर का दरवाजा खुला पाया, जिसके बाद उसने पुलिस को सूचना दी।'
लोगों ने सामूहिक आत्महत्या मानने से किया इनकार
एक पड़ोसी ने इसे सामूहिक आत्महत्या का ममाला मानने से इनकार करते हुए कहा कि ललित और भूपिंदर बहुत दोस्ताना व्यक्ति थे। उन्होंने कहा, 'मैंने कल रात भूपिंदर से बात की थी। वह बहुत खुश थे और कहीं से तनाव में नहीं लग रहे थे।'
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने भी घटनास्थल का दौरा किया। केजरीवाल ने मीडिया से कहा, 'यह एक दुखद घटना है। मैंने पुलिस से बात की है। उनकी जांच खत्म होने तक इंतजार करें।'