Advertisment

कॉल सेंटर के नाम पर चला रहा फर्जीवाड़ा, करोड़ों की हो चुकी है ठगी

पिछले 10 दिनों में कुल पांच अवैध कॉल सेंटरों का भंडाफोड़ किया गया है, जो एचएसबीसी बैंक, एल एंड टी हैवेल्स जैसे प्रतिष्ठित बहुराष्ट्रीय कंपनियों में नौकरी देने के नाम पर स्थानीय भारतीय नागरिकों को निशाना बनाते थे.

author-image
Nihar Saxena
New Update
Cyber Crime

हाल के दिनों में साइबर अपराधों का ब्योरा.( Photo Credit : न्यूज नेशन)

Advertisment

साइबर धोखाधड़ी के खिलाफ अपने अभियान के तहत दिल्ली पुलिस की साइबर अपराध इकाई (साइपैड) साइबर अपराधियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई कर रही है. उनके प्रयासों के कारण 214 से अधिक साइबर अपराधी गिरफ्तार किए गए हैं. यहां तक कि पिछले 10 दिनों में कुल पांच अवैध कॉल सेंटरों का भंडाफोड़ किया गया है, जो एचएसबीसी बैंक, एल एंड टी हैवेल्स जैसे प्रतिष्ठित बहुराष्ट्रीय कंपनियों में नौकरी देने के नाम पर स्थानीय भारतीय नागरिकों को निशाना बनाते थे.

आखिरी मामले में तीन अपराधियों को पकड़ा गया, जिनमें से एक प्रतिष्ठित संस्थान से इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियरिंग में इंजीनियरिंग स्नातक की डिग्री हासिल कर चुका है. उन्होंने 250 से अधिक पीड़ितों से 75 लाख रुपये से अधिक की धोखाधड़ी की है. डीसीपी साइबर क्राइम अनिल रॉय ने कहा, 'साइपैड द्वारा की गई कार्रवाई के कारण आपत्तिजनक सामग्री वाली 278 प्रोफाइल को अवरुद्ध कर दिया गया था. इसमें ट्विटर, फेसबुक, इंस्टाग्राम, टिकटॉक और यूट्यूब अकाउंट शामिल हैं. अधिकतम अकाउंट ट्विटर (140) पर ब्लॉक किए गए.'

वहीं आयुष्मान योजना फर्जी वेबसाइटों के नाम पर 4,200 लोगों को ठगने के आरोप में सात लोगों को गिरफ्तार किया गया. मतदाता पहचान पत्र फर्जी वेबसाइटों धोखाधड़ी में 3,000 पीड़ितों से धोखाधड़ी करने के संबंध में दो व्यक्तियों को गिरफ्तार किया गया, जबकि तीन को पीएम शिशु विकास योजना के लिए 15,000 रुपये की धोखाधड़ी करने के लिए गिरफ्तार किया गया. सौर पैनल या लैपटॉप के मुफ्त वितरण के मामले में सिर्फ दो मामले दर्ज किए गए थे, लेकिन, प्रभावित व्यक्तियों की संख्या 100,000 से अधिक है, इस मामले में तीन गिरफ्तारियां की गईं.

इससे यह स्पष्ट होता है कि साइबर अपराध के मामले भले ही संख्या में कम हों, लेकिन ये हजारों लोगों की जीवन भर की बचत को तुरंत हड़प सकते हैं. अधिकारी ने सलाह दी, 'यदि आप साइबर अपराध का शिकार हो गए हैं, तो पहली बात यह है कि नुकसान के रास्ते से बाहर निकलना है. आगे के सभी संचार बंद करें, अपने डेटा, डिवाइस और संपत्तियों की सुरक्षा करें. दूसरा, स्क्रीनशॉट के माध्यम से अपराध से संबंधित सबूतों को स्क्रीन पर कैप्चर करें, रिकॉर्डिंग आदि करें, अन्यथा वे हमेशा के लिए गायब हो सकते हैं. तीसरा, मामले के बारे में पुलिस को बताने के साथ-साथ बैंक, वॉलेट, कार्ड, सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म, इंस्टेंट मैसेजिंग एप जैसे सेवा प्रदाताओं को भी रिपोर्ट करें.'

Source : IANS/News Nation Bureau

delhi-police Cyber ​​Crime दिल्ली पुलिस फेसबुक scam साइबर क्राइम Fake Call Centre Bank Behalf कॉल सेंटर फर्जीवाड़ा
Advertisment
Advertisment