केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने सोमवार को गुरुग्राम के एक स्कूल में दूसरी कक्षा के छात्र की हत्या के मामले में आरोपी उसी स्कूल के ग्यारहवीं के छात्र के खिलाफ आरोपपत्र दायर किया।
जांच एजेंसी ने अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश जसबीर सिंह कुंडू की अदालत में आरोपपत्र दाखिल किया। अदालत हत्यारोपी किशोर को हत्या के इस मामले में वयस्क के रूप में देख रही है।
सोमवार को अदालत ने एक बार फिर आरोपी किशोर की जमानत याचिका खारिज कर दी। अभियोजन पक्ष के अधिवक्ता ने कहा कि आरोपपत्र का विस्तृत ब्यौरा अभी नहीं मिला है।
इससे पहले अदालत ने मीडिया को मामले में 17 वर्षीय आरोपी के नाम का प्रयोग नहीं कर इसके बदले में काल्पनिक नाम 'भोलू' का इस्तेमाल करने को कहा। अदालत ने सात वर्षीय मृतक को प्रिंस नाम दिया। अदालत ने भोंडसी स्थित उस स्कूल के नाम के बदले सिर्फ विद्यालय शब्द का प्रयोग करने को कहा।
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आरोपी के वकीलों ने उसकी जमानत की मांग की थी जिसे अदालत ने आठ जनवरी को खारिज कर दिया था। अदालत ने अनावश्यक आवेदन देकर अदालत का वक्त जाया करने के लिए बचाव पक्ष पर 21,000 रुपये का जुर्माना भी लगाया।
आरोपी किशोर तीन जनवरी को अदालत में मौजूद था और उसे 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में बाल सुरक्षा गृह भेज दिया गया था। गुरुग्राम स्थित किशोर न्याय बोर्ड की ओर से 20 दिसंबर को आरोपी के साथ वयस्क जैसा व्यवहार करने के फैसले के बाद पिछले सप्ताह पहली बार आरोपी सत्र न्यायाधीश के सामने पेश हुआ था।
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आरोपी हरियाणा के फरीदाबाद स्थित एक आब्जर्वेशन होम में है। सीबीआई का कहना है कि आरोपी ने बच्चे की हत्या इसलिए की थी कि वह यूनिट टेस्ट और पैरेंट टीचर मीटिंग को रोकना चाहता था।
पुलिस ने आठ सितंबर को स्कूल के बस कंडक्टर अशोक कुमार (44) को बच्चे की हत्या के आरोप में गिरफ्तार किया था।
मामला 22 सितंबर को सीबीआई को सौंपा गया। जांच एजेंसी को कुमार के खिलाफ कोई सबूत नहीं मिला। एजेंसी ने आठ नवंबर को ग्यारहवीं के छात्र को हिरासत में लिया था जिसके बाद 21 नवंबर को अशोक कुमार को जमानत मिली थी।
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Source : IANS