Chinese Loan App Cases in India: भारत में अब तक 200 से ज्यादा लोग ऑनलाइन लोनिंग ऐप्स के चलते जान दे चुके हैं. कुछ लोग पैसों की उगाही की वजह से, तो कुछ लोग पर्सनल डाटा के नाम पर हो रही ब्लैकमेलिंग की वजह से. भारत सरकार अब तक सैकड़ों फर्जी लोन ऐप्स पर कार्रवाई कर चुकी है. बहुत सारे ऐप गूगल प्ले स्टोर से गायब हो चुके हैं, तो अब भी बहुत सारे ऐप्स नाम बदलकर वही काला कारोबार कर रहे हैं. ऐसे ऐप्स के पीछे अधिकतर चीनी नागरिकों के हाथ सामने आए हैं. हालांकि चेहरे भारतीय होते हैं. लेकिन उन्हें मोटे कमीशन के अलावा कुछ नहीं मिलता.
अंकुर ढींगरा नाम का व्यक्ति गिरफ्तार
भारत में अब तक 1200 से ज्यादा फर्जी लोन ऐप कंपनियों, ऐप्स की पहचान हो चुकी है. दर्जनों मास्टरमाइंड अब तक गिरफ्तार हो चुके हैं. कई सौ करोड़ रुपये फ्रीज हो चुके हैं. आरबीआई नियम ला चुकी है. बहुत सारे ऐप्स को अपना कारोबार बंद करना पड़ा है. फिर भी नए नए खिलाड़ी बाजार में आते हैं. कुछ ही समय में मोटा पैसा बनाते हैं और फिर फुर्र हो जाते हैं. ऐसे ही खिलाड़ियों में एक खिलाड़ी अंकुर ढींगरा है. वो दिल्ली में गिरफ्तार किया गया है. उत्तराखंड में उसकी तलाश हो रही थी. कई और जगहों पर हो रही होगी. उत्तराखंड पुलिस ने बताया है कि अंकुर ढींगरा से मिले डाटा के मुताबिक, अब तक वो 300 करोड़ रुपये का खेल कर चुके हैं. ये तो ताजी गिरफ्तारी है. अब तक चीनी लोन ऐप कंपनियों से धोखा खाए लोगों से कुल 1500 करोड़ रुपये की ठगी हो चुकी है और वो पैसे अलग-अलग रास्तों से देश के बाहर भेजे जा चुके हैं. तो आईए, अब हम आपको बताते हैं कि कैसे अंजाम दिया जाता है ये काला कारनामा...
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सबसे पहले तो ये जान लें कि फर्जी और असली लोन ऐप कंपनियों में अंतर क्या है.
1- असली कंपनी एनबीएफबी, आरबीआई रजिस्टर्ड होगी. उसमें संस्थान की पूरी जानकारी दी गई होती है. फर्जी कंपनी सिर्फ असली कंपनी होने का दिखावा करती है. उसके ऐप पर कंपनी से जुड़ी कम से कम जानकारी होती है. न ही एनबीएफबी-आरबीआई से जुड़ी कोई जानकारी.
2- असली कंपनी कभी किसी तरह का कमीशन पहले नहीं मांगती. नकली लोनिंग कंपनी पहले आपसे कमीशन के तौर पर, फाइल चार्ज के नाम पर डिपोजिट जमा कराने को कहती है.
3- असली कंपनी लोन देने वाले संस्थान, बैंक की जानकारी देती है. लोन पास होने के बाद उसी कंपनी से खाते में पैसे आते हैं. फर्जी लोनिंग ऐप अधिकतर पैसा जमाने कराने के बाद कुछ लोनिंग ऐप कंपनियों के लोन ऐप के लिंक्स आपको दे देती हैं. इसका मतलब हुआ है कि आपने जो पैसे जमा कराए हैं, वो खाए जा चुके हैं और आपको इन कंपनियों के ऐप पर फिर से लोन अप्लाई करना होगा.
4- असली लोन कंपनियां आपकी केवाईसी से जुड़ा डाटा मांगेगी. वो आपके सिविल स्कोर को भी देखेंगी. फर्जी लोन कंपनी आपसे सिर्फ पैन कार्ड और मोबाइल नंबर ही मांगेगी. क्योंकि उसका काम आपका डाटा चुराना होता है. आपके पैसे उगाहने होते हैं. इसके अलावा कुछ भी नहीं.
5- असली लोन कंपनी आपके फोन का कम से कम एक्सेस लेती है, लेकिन फर्जी कंपनी आपके फोन से आपके कॉन्टैक्ट, एमएसएम, मीडिया फाइल्स तक की जानकारी ले लेती हैं.
ठगी के तरीके अलग-अलग
फर्जी लोन कंपनियों की ठगी के तरीके भी अलग-अलग निकले हैं. वो पहले तो आपसे डिपोजिट के नाम पर पैसे लेती हैं. इससे काम नहीं बना तो वो आपकी मीडिया फाइल्स को मॉर्फ करके आपको डराती हैं. आपके कॉन्टैक्ट्स तक के पास मॉर्फ फाइलें भेजी जाती हैं. आपके साथ फोन पर गाली गलौच भी होती है. फर्जी लोनिंग ऐप की ठगी का एक तरीका ये भी है कि वो आपसे बैंक की जानकारी की जगह आपके फोनपे-गूगलपै जैसे यूपीआई पते मांगती हैं. फिर फोन पर आपको जल्द से पैसे ट्रांसफर करने के नाम पर आपके खाते से पैसे भी उड़ा लेती हैं.
ऐसे में हम आपको बताना चाहते हैं कि अगर आपको लोन चाहिए या किसी भी तरह की मदद. तो आधिकारिक संस्थानों के ऐप ही डाउनलोड करें. अनुचित परमिशन फोन की कतई न दें. और अगर इसके बाद भी आप ठगी के शिकार हो चुके हैं, तो तुरंत उसकी सूचना आर्थिक अपराध शाखा या फिर स्थानीय पुलिस को दें.
HIGHLIGHTS
- उगाही का काला कारोबार अब भी जारी
- आरबीआई के तमाम कड़े कदमों के बाद भी ऐप्स की भरमार
- एक बार लोन लेकर बुरे फंस जाते हैं लोग