साइबर जालसाजों ने अब राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र (एनआईसी) के नाम पर फर्जी एसएमएस के जरिए नौकरियों की पेशकश कर आम लोगों को निशाना बनाना शुरू कर दिया है. मामले की जानकारी हाने पर एनआईसी के अधिकारियों ने कहा कि फर्जी एसएमएस के बारे में सूचना मिलने पर एनआईसी टीम ने तत्काल आंतरिक जांच की और पहचान की कि फर्जी एसएमएस एनआईसी के बुनियादी ढांचे से नहीं भेजा गया था.
एनआईसी टीम ने जांच करने के लिए मोबाइल फोन कंपनियों के साथ मिलकर पता लगाया कि फर्जी एसएमएस एक निजी एसएमएस सेवा प्रदाता के बुनियादी ढांचे के माध्यम से भेजा गया था. एनआईसी की टीम ने संभावित धोखाधड़ी को ध्यान में रखते हुए तुरंत सीईआरटी-इन को घटना की सूचना दी और अपराधियों की पहचान करने और उन पर मुकदमा चलाने के लिए कानून प्रवर्तन एजेंसियों के समक्ष शिकायत भी दर्ज कराई. अधिकारियों ने कहा कि यह फर्जी एसएमएस.
संचार मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि आम जनता को इस तरह के फर्जी एसएमएस से सावधान रहने की सलाह दी जाती है.
जांच में पाया गया कि आरोपी भोले-भाले लोगों को निशाना बनाने के लिए नए तरीके अपनाते हैं. हाल ही में केंद्रीय पेंशन लेखा कार्यालय ने नोट किया कि साइबर धोखेबाज पेंशनभोगियों का डेटा प्राप्त करके जीवन प्रमाण पत्र को अपडेट करने के लिए उन्हें बुला रहे थे.
Source : IANS