राजस्थान के जालोर में एक दलित छात्र की शिक्षक की पिटाई से मौत के मामले में बवाल हुआ है. छात्र की मौत के 40 घंटों बाद उसका अंतिम संस्कार कराया गया. इस दौरान प्रदर्शन कर रहे लोगों की पुलिस से झड़प भी हो गई, जिसके बाद गुस्साए लोगों ने पुलिस टीम पर पथराव किया. प्रदर्शन कर रहे लोगों को तितर-बितर करने के लिए पुलिस को लाठीचार्ज भी करना पड़ा, जिसमें कई लोग घायल हो गए. इस पूरे घटनाक्रम के बाद से जालोर जिले के सुराणा गांव और आस-पास के इलाकों में तनाव का माहौल है.
प्रशासन के सामने परिवार ने रखी थी ये मांगें
जानकारी के मुताबिक, सुराणा गांव के एक प्राइवेट स्कूल के टीचर की पिटाई दलित छात्र की मौत हो गई थी. जिसके बाद छात्र का शव रविवार को गांव पहुंचा. परिजनों ने कुछ मांगे रखी थी, जिसके पूरे होने तक उन्होंने छात्र के अंतिम संस्कार से इनकार कर दिया था. इस मामले में मृतक छात्र के घर पर ही प्रशासन और परिजनों की बातचीत भी हुई, लेकिन वो बातचीत विफल रही. परिजनों ने प्रशासन के सामने 50 लाख के मुआवजे, परिवार के 1 सदस्य को सरकारी नौकरी और स्कूल की मान्यता रद्द करने की मांग की थी. लेकिन प्रशासन ने सभी मांगों को मानने में असमर्थता जताई और बीच का रास्ता निकालने की कोशिश की.
पुलिस ने 10 लोगों को हिरासत में लिया
इस दौरान स्थानीय लोग भड़क उठे. उन्होंने पुलिस पर पथराव कर दिया. इसके बाद पुलिस ने भी लाठियां भांजी. जिसमें महिलाओं समेत कई लोग घायल हो गए. वहीं, करीब 10 लोगों को पुलिस ने हिरासत में ले लिया. हालांकि शाम को परिवार और प्रशासन के बीच सहमति बन गई, जिसके बाद मृतक का अंतिम संस्कार कर दिया गया. इस मामले में पुलिस ने एससी-एसटी एक्ट और धारा 302 के तहत आरोपित शिक्षक छैलसिंह को गिरफ्तार कर लिया है. फिलहाल मामले की जांच चल रही है.
HIGHLIGHTS
- जालोर में दलित छात्र की मौत का मामला
- स्कूल में शिक्षक के थप्पड़ से फटी थी कान की नस
- स्थानीय लोगों ने किया पथराव, पुलिस ने भांजी लाठियां
Source : News Nation Bureau