Delhi Crime: दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा ने देशभर के 5 राज्यों में सक्रिय अवैध किडनी ट्रांसप्लांट रैकेट का भंडाफोड़ किया है. इन पांच राज्यों में दिल्ली NCR, पंजाब, हरियाणा, मध्य प्रदेश और गुजरात शामिल है, जहां छापेमारी में तीन बांग्लादेशी नागरिकों समेत सात लोगों को गिरफ्तार किया है. तलाशी में आरोपियों के पास से कई सेलफोन, लैपटॉप, सिम कार्ड, नकदी और आपत्तिजनक दस्तावेज भी बरामद किए गए हैं. बता दें कि, ये लोग बांग्लादेशी नागरिकों को उनकी किडनी बेचने का लालच दे रहे थे, बाद में उसे जरूरतमंदों अधिक कीमत पर बेच रहे थे.
गिरोह इस तरह करता था काम...
पुलिस ने जानकारी देते हुए बताया कि, ये गिरोह वंचित बांग्लादेशी नागरिकों के साथ 4-5 लाख में उनकी किडनी बेचने का ऑफर देता था. कई बार उन्हें नौकरी का भी लालच दिया करता था. अपनी काली करतूतों पर यकीन दिलाने के लिए इस गिरोह के पास जाली दस्तावेज़ भी मौजूद थे, जिसके इस्तेमाल से ये ₹ 20 लाख से 30 लाख रुपये में किडनी को बेचता था.
गौरतलब है कि, गिरफ्तार किए गए लोगों में एक सलाहकार सर्जन डॉ. विजया कुमारी भी शामिल हैं, जिन पर नोएडा के एक अस्पताल में 15 से 16 अवैध सर्जरी करने का आरोप है.
कब हुआ इस करतूत का खुलासा...
यह मामला तब सामने आया जब पुलिस को बांग्लादेशी नागरिकों के एक समूह की संदिग्ध गतिविधियों के बारे में सूचना मिली, जिसके आधार पर पुलिस की एक टीम ने दिल्ली के जसोला विहार में छापेमारी की. जहां से चार लोगों रसेल, रोकोन, सुमोन मियां और रतेश पाल को गिरफ्तार किया गया.
जांच से पता चला कि डॉ. कुमारी नामक शख्स को प्रत्येक ट्रांसप्लांट के लिए तकरीबन 2 लाख रुपये दिए जाते थे.
क्या होता है किडनी ट्रांसप्लांट?
किडनी ट्रांसप्लांट एक जटिल चिकित्सा प्रक्रिया है जो तब की जाती है जब कोई मरीज अंतिम चरण की किडनी की बीमारी से पीड़ित होता है. करीबी रिश्तेदारों द्वारा किसी मरीज को किडनी दान की जा सकती है. गैर-संबंधित दाताओं द्वारा किडनी दान के लिए प्राधिकरण समिति से मंजूरी की आवश्यकता होती है. ट्रांसप्लांट की आवश्यकता वाले रोगियों की संख्या उपलब्ध दाताओं की संख्या से कहीं अधिक होती है, जिसके चलते कई लोग किडनी प्राप्त करने के लिए अवैध तरीकों का सहारा लेते हैं. किडनी ट्रांसप्लांट रैकेट इसी का फायदा उठाते हैं.
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