Advertisment

दिल्ली का बदनाम गलियारा जीबी रोड जहां छुपी है तमाम मासूमों की दर्दनाक कहानी

एक कोठे में 13 से 14 सेक्स वर्कर हैं और सभी अपनी मर्जी से धंधा करती हैं लेकिन गीता (बदला हुआ नाम) की बात सुनकर लगा कि ये मर्जी में नहीं मजबूरी में धंधा करती हैं।

author-image
Vineeta Mandal
एडिट
New Update
दिल्ली का बदनाम गलियारा जीबी रोड जहां छुपी है तमाम मासूमों की दर्दनाक कहानी

दिल्ली का जीबी रोड जिसमें सिमटी है तमाम कहानियां (सांकेतिक चित्र)

Advertisment

दिल्ली की एक सड़क है, जिसका नाम सुनते ही लोगों की भौंहें तन जाती हैं और वे दबी जुबान में फुसफुसाना शुरू कर देते हैं। स्कूल में जब मैंने पहली बार इसके बारे में सुना था, तो कौतूहल था कि आखिर कैसी होगी यह सड़क? फिल्मों में अक्सर देखे गए कोठे याद आने लगते थे। याद आती थी मर्दो को लुभाने वाली सेक्स वर्कर्स, जिस्म की मंडी चलाने वाली कोठे की मालकिन और न जाने क्या-क्या। यही कौतूहल इतने सालों बाद मुझे जी.बी. रोड खींच लाया।

बीते रविवार सुबह आठ बजे जब मैं जी.बी.रोड पहुंची, तो यह सड़क दिल्ली की अन्य सड़कों की तरह आम ही लगी। सड़क के दोनों ओर दुकानों के शटर लगे हुए थे। इन दुकानों के बीच से ही सीढ़ी ऊपर की ओर जाती हैं और सीढ़ियों की दीवारों पर लिखे नंबर कोठे की पहचान कराते हैं।

कुछ लोग सड़कों पर ही चहलकदमी कर रहे हैं और हमें हैरानी भरी नजरों से घूर रहे हैं। हमने तय किया कि कोठा नंबर 60 में चला जाए।

एनजीओ में काम करने वाले अपने एक मित्र के साथ फटाफट सीढ़ियां चढ़ते हुए मैं ऊपर पहुंची, चारों तरफ सन्नाटा था। शायद सब सो रहे थे, आवाज दी तो पता चला, सब सो ही रहे हैं कि तभी अचरज भरी नजरों से हमें घूरता एक शख्स बाहर निकला। बड़े मान-मनौव्वल के बाद बताने को तैयार हुआ कि वह राजू (बदला हुआ नाम) है, जो बीते नौ सालों से यहां रह रहा है और लड़कियों (सेक्स वर्कर्स) का रेट तय करता है।

और पढ़ें: मध्यप्रदेश में बड़े सैक्स रैकेट का पर्दाफाश, 3 नाबालिग़ समेत 7 लड़कियों को बचाया गया

पहचान उजागर न करने की शर्त के साथ राजू ने एक सेक्स वर्कर सुष्मिता (बदला हुआ नाम) से हमारी मुलाकात कराई, जिसे जगाकर उठाया गया था। मैं सुष्मिता से अकेले में बात करना चाहती थी, लेकिन राजू को शायद डर था कि कहीं वह कुछ ऐसा बता न दे, जो उसे बताने से मना किया गया है।

सुष्मिता की उम्र 23 साल है और उसे तीन साल पहले नौकरी का झांसा देकर पश्चिम बंगाल से दिल्ली लाकर यहां बेच दिया गया था। सुष्मिता ठीक से हिंदी नहीं बोल पाती, वह कहती है, 'मैं पश्चिम बंगाल से हूं, मेरा परिवार बहुत गरीब है। एक पड़ोसी का हमारे घर आना-जाना था। उसने कहा, दिल्ली चलो। वहां बहुत नौकरियां हैं तो उसके साथ दिल्ली आ गई। एक दिन तो मुझे किसी कमरे में रखा और अगले दिन यहां ले आया।'

यह पूछने पर कि क्या वह अपने घर लौटना नहीं चाहती है? काफी देर चुप रहकर वह कहती है, 'नहीं। घर नहीं जा सकती। बहुत मजबूरियां हैं। यहां खाने को मिलता है, कुछ पैसे भी मिल जाते हैं, जो छिपाकर रखने पड़ते हैं।'

सुष्मिता बीच में ही कहती है, 'किसी को बताना मत..।' इससे आगे कुछ पूछने की हिम्मत की नहीं हुई। सुष्मिता है तो 23 की, लेकिन उसका शरीर देखकर लगता है कि जैसे 15 या 16 की होगी, दुबली-पतली कुपोषित लगती है।

इमारत की पहली और दूसरी मंजिल पर जिस्मफरोशी का धंधा चलता है। इच्छा हुई कि इन कमरों के अंदर देखा जाए कि यहां कैसे रहते हैं? अंदर घुसी की एक अजीब सी गंध ने नाक ढकने को मजबूर कर दिया। इतने छोटे और नमीयुक्त कमरे हैं, सोचती रही कि कोई यहां कैसे रह सकता है।

और पढ़ें: हैदराबाद के होटल में वेश्यावृत्ति गिरोह का भंडाफोड़, 3 गिरफ्तार

राजू बताता है कि एक कोठे में 13 से 14 सेक्स वर्कर हैं और सभी अपनी मर्जी से धंधा करती हैं लेकिन गीता (बदला हुआ नाम) की बात सुनकर लगा कि ये मर्जी में नहीं मजबूरी में धंधा करती हैं।

गीता कहती है, 'जैसे आप नौकरी करके पैसे कमाती हो। वैसे ही ये हमारी नौकरी है। आप बताइए, हमारी क्या समाज में इज्जत है, कौन हमें नौकरी देगा। जिस्म बेचकर ही हम अपना घर चला रहे हैं। बेटी को पढ़ा रही हूं, ये छोड़ दूंगी तो बेटी का क्या होगा।'

गीता कहती है कि वो एक साल में तीन कोठे बदल चुकी है। वजह पूछने पर कहती है, 'पैसे अच्छे नहीं मिलेंगे तो कोठा तो बदलना पड़ेगा ना।' गीता की ही दोस्त रेशमा (बदला हुआ नाम) कहती है, 'हम जैसे हैं, खुश हैं। सरकार हमारे लिए क्या कर रही है। हमारे पास ना राशन कार्ड है, ना वोटर कार्ड ना आधार। हमारे पास कोई वोट मांगेन भी नहीं आता। सरकार ने हमारे लिए क्या किया। कुछ नहीं।'

जेहन में ढेरों सवाल लेकर एक और कोठे पर गई, जहां 15 से लेकर 19 साल की कई सेक्स वर्कर मिली, जो शायद रातभर की थकान के बाद देर सुबह तक सो रही हैं।

जी.बी रोड का पूरा नाम गारस्टिन बास्टियन रोड है, जहां 100 साल पुरानी इमारतें भी हैं। जगह-जगह दलालों के झांसे में नहीं आने और जेबकतरों और गुंडों से सावधान रहने की चेतावनी लिखी हुई है।

इसके बारे में राजू कहते हैं, 'रात आठ बजे के बाद यहां का माहौल बदल जाता है। कोठे पर आने वालों की संख्या बढ़नी शुरू हो जाती है। अकेले आने वाले शख्स को जेबकतरे लूट लेते हैं, चाकूबाजी की भी कई वारदातें हुई हैं।'

यहां आकर लगता है कि एक शहर के अंदर कोई और शहर है। जिस्मफरोशी के लिए यहां लाई गई या यहां खुद अपनी मर्जी से पहुंचीं औरतों की जिंदगी दोजख से कम कतई नहीं है। अपने साथ कई सवालों के जवाब लिए बिना वापस जा रही हूं, इस उम्मीद में कि जल्द लौटकर जवाब बटोर लूंगी।

और पढ़ें: दिल्ली में इंटरनेशनल सेक्स रैकेट का भंडाफोड़, 55 लड़कियों को छुड़ाया गया

Source : IANS

delhi sex workers Human Trafficking Prostitute Prostitution Delhi GB Road
Advertisment
Advertisment