दिल्ली के रोहणी में आध्यात्मिक विश्वविद्यालय के नाम से बने इस आश्रम की कई खौफनाक बातें सामने आई हैं। रोहिणी के इस आश्रम में पड़े छापे के बाद यहां से 41 नाबालिग लड़कियों को रिहा करवाया गया। जिसके बाद हाईकोर्ट ने सीबीआई को जांच करने को कहा है।
इस आश्रम का बाबा वीरेंद्र देव दीक्षित फिलहाल फरार है।
दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाती मालीवाल ने इस मामले के सामने आने के बाद फरार आरोपी वीरेंद्र देव दीक्षित को जल्द गिरफ्तार करने की मांग की है।
स्वाति मालीवाल ने कहा कि मुझे लगता है कि मामला क्राइम ब्रांच या फिर सीबीआई को दे दिया जाए, क्योंकि पड़ोसियों के मुताबिक, रात भर वहां गाड़िया आती है। चंडीगढ़ नंबर की भी आती है।
मालीवाल ने कहा कि पता नहीं आज तक वहां पर लोकल पुलिस क्या कर रही थी।
इससे पहले कोर्ट ने दिल्ली सरकार के प्रिंसिपल सेक्रेटरी को निर्देश दिया है कि आध्यात्मिक विश्विद्यालय में मौजूद लड़कियों का इलाज डॉक्टरों से कराए।
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कोर्ट ने कहा कि सभी 150 महिलाओं और लड़कियों का मेडिकल एग्जामिनेशन होना चाहिए। अगर अब आध्यात्मिक विश्वविद्यालय सहयोग नहीं करता तो हम सबको नारी निकेतन भेज देंगे और बाल कल्याण समिति जांच करेगी।
हाईकोर्ट ने कहा है कि इस मामले में एसआईटी का गठन कर सीबीआई द्वारा जांच कराई जाए।
गौरतलब है कि पिछले कई सालों से दिल्ली के विजय विहार इलाके में आध्यात्मिक विश्वविद्यालय के नाम से एक आश्रम चल रहा है। इस आश्रम का संचालक बाबा वीरेंद्र देव दीक्षित अपने आपको कृष्ण का अवतार बताता है।
पुलिस के मुताबिक, वैसे तो काफी सालों से विजय विहार इलाके में आध्यात्मिक विश्वविद्यालय चल रहा है, लेकिन उसके खिलाफ शिकायतों का सिलसिला कुछ महीनों पहले ही शुरू हुआ है। इस बीच कुछ परिवार यह शिकायत लेकर पुलिस के पास आए थे कि उनकी बेटियो को जरबन आश्रम में रखा जा रहा है।
जब पुलिस उन लड़कियों को लेने गई, तो उन लड़कियों ने अपने परिजनों के साथ जाने से इनकार करते हुए उल्टे अपने परिवार के सदस्यों पर ही कई तरह के आरोप लगा दिए।
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Source : News Nation Bureau