चर्च की संपत्ति बेचने वाले आरोपी को गिरफ्तार किया गया है, जिन्होंने जाली दस्तावेजों के जरिए चर्च की संपत्ति बेच दी थी. हुआ ये कि आरोपियों ने दिल्ली के राजपुर रोड पर चर्च की संपत्ति को अपना बताकर 50 करोड़ रुपये में बेच दिया. पुलिस को जब इस मामले की जानकारी मिली तो पुलिस ने उस आरोपी के एक सहयोगी को गिरफ्तार कर लिया. पुलिस ने आरोपी की पहचान शोरल बॉबी दास के रूप में की है, जो सेंट पॉल चर्च कंपाउंड, सिविल लाइंस, बांदा यूपी का निवासी है. साल 2007 में 24 राजपुर रोड सिविल लाइंस के महिला क्रिश्चियन टेंपरेंस ऑफ इंडिया की अध्यक्ष सुलोचना प्रकाश ने शाखा में शिकायत की थी. जिसमें उसने बताया कि वो चर्च की संपत्ति की असली मालिक है. उन्होंने आरोप लगाया कि रमेश चंदर अग्रवाल ने सुनील कुमार और अजय गुप्ता के साथ मिलकर आपराधिक साजिश रची और जाली दस्तावेजों के जरिए खुद को संपत्ति का मालिक होने का दावा किया. उनके अनुसार, संपत्ति का कोई भी हिस्सा इंडियन चर्च ट्रस्टी या रमेश चंदर अग्रवाल या सुनील कुमार को बेचा या ट्रांसफर नहीं किया है. सिविल लाइंस थाने में दर्ज हुई शिकायत को आर्थिक अपराध शाखा को दे दी है
फिर इस मामले की जांच शुरू हुई. जांच से पता चला कि 6 अप्रैल 2005 को आरोपी जॉन ऑगस्टीन ने आरोपी शोरल बॉबी दास को जीपीए के जरिए आईसीटी चर्च ऑफ इंडिया और सीआईपीबीसी की सभी संपत्तियों का अटॉर्नी धारक बना दिया था.आपको बता दें कि जॉन ऑगस्टाइन कभी भी इंडियन चर्च ट्रस्टी का चेयरमैन नहीं बना. इसलिए आगे ट्रांसफर किए गए सभी जीपीए नकली निकले.
आगे जांच में पता चला कि आरोपी ने अपने साथियों के साथ मिलकर राजपुर रोड स्थित चर्च की संपत्ति बेचने की आपराधिक साजिश रची थी. 1.27 एकड़ की संपत्ति की कीमत करीब 50 करोड़ रुपये थी. आरोपी ने खुद को मालिक होने का दावा करने के लिए संपत्ति के जाली दस्तावेज तैयार किए. पुलिस ने जांच के बाद जॉन को गिरफ्तार कर लिया है.
और वहीं जॉन की गिरफ्तारी के बाद बॉबी फरार हो गया था. पुलिस बॉबी पर नजर रखे हुए थी. बॉबी के बांदा में होने की जानकारी पुलिस को मिली. इसके बाद पुलिस टीम ने 14 अक्टूबर में बॉबी को बांदा से गिरफ्तार किया था. जांच में पता चला कि आरोपी सेंट पीटर्सबर्ग के कुछ इलाके में अवैध रूप से कब्जा कर रहा था.
Source : News Nation Bureau