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साइबर अपराधी का नया हथियार, 'डिजिटल अरेस्ट' से खाली हो रहे लोगों के अकाउंट 

Digital Arrest: साइबर जालसाज ये सारी ठगी का पैसा स्टेट बैंक ऑफ इंडिया में सनी ट्रेडर्स नाम के अकाउंट में मंगाते हैं और उसे कुछ ही देर में दूसरे अकाउंट में टुकड़ों में ट्रांसफर कर देते हैं

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Mohit Sharma
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Digital Arrest

Digital Arrest( Photo Credit : File Pic)

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Digital Arrest : तरीख 24 मई 2024, समय सुबह के 9 बजे 10 मिनट, दिल्ली में कृष्णदास गुप्ता का घर जहां ठीक 9 बजकर 10 मिनट पर मोबाइल की घंटी बजती है, जिसको सुनने के बाद रिटायर्ड महिला कृषणादास गुप्ता के होश उड़ जाते हैं. उनको जालसाजों की तरफ से बताया जाता है कि आपके मोबाइल से करीब 20 लोगों को पोर्न वीडियो भेजी गई हैं और आप पर मनी लॉन्ड्रिंग का भी मामला है... तार जोड़े जाते हैं एक हाई प्रोफाइल मामले के साथ. 

जालसाजों ने कृषणादास को फर्जी कंप्लेन का डर बताकर करीब 24 घंटे से ज़्यादा समय तक डिजिटल अरेस्ट किया और उनके अकाउंट से 83 लाख रुपये लूट लिए. यानी न कोई घर में डकैती हुई, न ही चोरी हुई और साफ हो गए 83 लाख रुपये.  साइबर फ्रॉड ने इसमें सुप्रीम कोर्ट के फर्जी दस्तावेज, सीबीआई के फर्जी दस्तावेज और नकली मुम्बई पुलिस बनकर इस ठगी को अंजाम दिया. कृषणादास ने बताया कि आखिर कैसे उन्हें सब कुछ सही लग रहा था. कैसे ये साइबर अपराधी आपके दिमाग को सुन्न कर देते हैं, जहां पर तमाम बैंकों और आरबीआई की सलाह धरी की धरी रह जाती है.  

सुनिए कैसे हुआ कृषणादास गुप्ता के साथ ये लाखों की ठगी का खेल

साइबर जालसाज ये सारी ठगी का पैसा स्टेट बैंक ऑफ इंडिया में सनी ट्रेडर्स नाम के अकाउंट में मंगाते हैं और उसे कुछ ही देर में दूसरे अकाउंट में टुकड़ों में ट्रांसफर कर देते हैं. कृषणादास गुप्ता का कहना है कि आखिर की SBI में फ्रॉड करने वाले ने सिर्फ 5 हाज़ार में अकाउंट खोला और उसके अकाउंट में 83 लाख रुपये जाते हैं तो क्या बैंकों को इसपर नज़र नहीं रखनी चाहिए थी. कृषणादास गुप्ता ने इस मामले की एफआईआर करा दी है लेकिन एक महीना बीतने के बाद भी कुछ हाथ नहीं लगा है. 

ये सिर्फ एक मामला नहीं है हाल ही में नोएडा में डिजिटल अरेस्ट से 1 करोड़ से ज़्यादा की ठगी हो चुकी है. 40-40 घंटे लोगों को मोबाइल वीडियो कॉलिंग के ज़रिए जोड़ा जाता है. 

ये फ्रॉड आपके साथ न हो इसको पहचाने कैसे

इसके लिए ध्यान रखिये की आपके पास भी ऐसी कॉल आ सकती है, जिसमें आपको किसी बड़े अपराध के साथ आपके मोबाइल या आधार को जोड़कर बताया जाएगा. आपसे कहा जाएगा कि आपके नंबर से पोर्न या किसी आपत्ति जनक कंटेंट को किसी को भेजा गया है जिसने आप पर एफआईआर की है. एक अफसर आपसे बात करने को और वीडियो कॉल पर आने को कहेगा.  ये सब फ्रॉड के हथकंडे हैं जिसमे आपको नहीं फंसना है. ऐसे में क्या करें, इस मामले पर तुरंत साइबर अपराध शाखा में शिकायत करें. किसी भी तरह की जानकारी, आधार नंबर या बैंक अकाउंट नंबर या ओटीपी शेयर न करें. साइबर एक्सपर्ट्स की मानें तो ये अब तक का सबसे खतरनाक तरीका साइबर फ्रॉड ने ठगी के लिए ईजाद किया है, जिसे कहा जा रहा है डिजिटल अरेस्ट.

HIGHLIGHTS

  • भारत में डिजिटल अरेस्ट के कई मामले सामने आ चुके हैं और ये अब बड़ी चुनौती बन चुका है
  • न्यूज़ नेशन आज आपको बचाएगा इन डिजिटल अरेस्ट करने वाले जालसाजों से 
  • आज वो ठगी के शिकार सामने आएंगे जिनके अकाउंट से गायब हुए 83 लाख रुपये

Source : News Nation Bureau

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