द्वारका सेक्टर 13 में रेडिसन ब्लू होटल के पास दिनदहाड़े कार सवार एक महिला पर गोलीबारी के मामले में बेहद चौंकाने वाला खुलासा हुआ है. पुलिस ने पांच आरोपियों को गिरफ्तार करके केस सॉल्व कर दिया है. महिला 12 दिन बाद भी वेंटीलेटर पर हैं. इस मामले में दो कॉन्ट्रेक्ट किलर हैं. एक वारदात की साजिश रचने वाला है. बांकी दोनों वारदात में इस्तेमाल हुए हथियार बेचने-लाने में शामिल थे.
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दरअसल, इस केस में पुलिस शुरू से महिला के पति पर शक कर रही थी, क्योंकि उसका पत्नी से विवाद चल रहा था और आपराधिक रेकॉर्ड भी था. पति प्राइम सस्पेक्ट था. उसके अलावा महिला का एक मित्र भी पुलिस के शक के दायरे में था, लेकिन जब उन दोनों की संलिप्तता के सबूत नहीं मिले तो केस ब्लाइंड होता गया. ऐसे में पुलिस को एक ऐसा क्लू मिला, जिससे इस उलझी हुई कहानी के सारे धागे उधड़ गए.
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कहानी का सिरा वहां से मिला, जब दिसंबर 2018 में नजफगढ़ में प्रॉपर्टी डीलिंग करने वाले प्रेमचंद नामक शख्स ने आत्महत्या कर ली थी. पुलिस का कहना है कि महिला भी फायनेंस के साथ प्रॉपर्टी का बिजनेस करती थी, इसलिए वह प्रेमचंद के संपर्क में आयी थी. दोनों के गहरे ताल्लुकात हो गए थे. इस वजह से प्रेमचंद का उनके परिवार में विरोध होने लगे. हालात इतने खराब हुए कि प्रेमचंद ने आत्महत्या कर ली और पूरा परिवार बर्बादी के कगार पर पहुंच गया.
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पुलिस के अनुसार, प्रेमचंद का भतीजा चंद्रप्रकाश उर्फ चिंटू (27) पहले से अपराध के रास्ते पर चल चुका था. वह नजफगढ़ में एक मर्डर केस में शामिल था. वह चाचा की आत्महत्या और परिवार की बर्बादी का जिम्मेदार उसी महिला को मानता था. इसलिए उसने महिला की हत्या की सुपारी अभिषेक उर्फ पिंकू (23) और गिरीराज (26) को दे दी. सुपारी पांच लाख की तय हुई. 2 लाख रुपये अडवांस दिए थे. गिरीराज से उसका संपर्क जेल में हुआ था.
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कई दिन रेकी करने के बाद पिंकू और गिरीराज ने महिला पर 11 जुलाई की सुबह 8 चलती कार में गोलीबारी की थी. गोली महिला की गर्दन के आरपार हो गई, जिस वजह से उनकी हालत आज तक नाजुक है. महिला बेटे को स्कूल छोड़कर घर जा रही थी. गोली लगने के बाद कार से संतुलन खो बैठीं, कार रोड पार डिवाइडर से जा टकरायी. एक ऑटो वाले ने ई-रिक्शा से नजदीक के प्राइवेट अस्पताल पहुंचाया. पुलिस ने हत्या की कोशिश का केस दर्ज किया हुआ है.
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इस मामले में गिरफ्तार दोनों शॉर्पशूटर अभिषेक और गिरीराज के खिलाफ पहले से कई आपराधिक मामले दर्ज हैं. गिरी रेप और रॉबरी के दो केसों में शामिल रहा है. जनवरी से पैरोल जंप कर चुका था. अभिषेक भी रॉबरी और रेप केस में शामिल रहा है. वह भी पैरोल जंप कर चुका था. नरेंद्र और गुलाब वारदात में इस्तेमाल हथियार बेचने और लाने में शामिल थे.
इस तरह पुलिस पहुंची आरोपियों तक
इस मामले में पुलिस ने 27 मील तक लगभग 200 सीसीटीवी कैमरों को खंगाला. तब जाकर आरोपियों का सुराग मिला, हालांकि उसमें भी उन्होंने कपड़े बदलकर और फोन इस्तेमाल करने का दिखावा करके पुलिस को गुमराह करने की भरसक कोशिश की थी, लेकिन पुलिस कड़ी दर कड़ी उस लोकेशन तक पहुंच गई जहां वह आखिरी बार नजर आए. यह जगह थी फतेहपुर बेरी का नया बांस इलाका, जहां इनकी आखिरी लोकेशन आयी थी.
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यहीं से पुलिस उनकी फुटेज से डेवलेप करवाई गई तस्वीरों को लोकल लोगों को दिखाया तो वह उन्हें पहचान गए, लेकिन आरोपी पते से फरार थे. पुलिस उनके कॉल रेकॉर्ड के जरिए मुख्य साजिशकर्ता चंद्रप्रकाश उर्फ चिंटू तक पहुंची. उसके बाद गिरी, पिंकू व अन्य आरोपी पकड़े गए. उनसे वारदात में इस्तेमाल बाइक, तीन पिस्टल के अलावा 15 कारतूस और 90 हजार कैश मिला. गिरी और पिंकू कितनी खतरनाक क्रिमिनल जोड़ी है, इसका अंदाजा इससे लगा सकते हैं कि इन दोनों ने मैदान गढ़ी में कार से 7 लाख रुपये की लूट की बात भी कबूली, जिसमें अभी तक गिरफ्तार नहीं हुए थे.
HIGHLIGHTS
- द्वारका गोली बरसाने के मामले में सनसनीखेज खुलासा
- पुलिस ने 5 लोगों को किया गिरफ्तार
- पुलिस ने सुलझा ली केस की गुत्थी