प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने एक व्यापारी अनस अहमद को मोबाइल फोन-आधारित ऐप के जरिए की गई धोखाधड़ी से संबंधित मनी लॉन्ड्रिंग मामले में गिरफ्तार किया है. अहमद दो आरोपी फर्मों एचएंडएस वेंचर्स इंक और क्लिफोर्ड वेंचर्स में भागीदार है. ये दोनों कंपनियां लोगों से धोखाधड़ी करते हुए 84 करोड़ रुपये वसूलने के लिए जिम्मेदार हैं. अहमद के चीनी संबंध हैं और उस पर पूरे रैकेट का मास्टरमाइंड होने का संदेह है. ईडी ने आरोपी संस्थाओं के संचालन में मनी लॉन्ड्रिंग की जांच शुरू की, जिसने जनता को इस तरह के धोखाधड़ी वाले ऐप के माध्यम से निवेश करने के लिए दैनिक या साप्ताहिक आधार पर ब्याज भेजने का आश्वासन देकर कुछ राशि का निवेश करने के लिए प्रेरित किया.
आरोपित संस्थाओं ने भोले-भाले लोगों से भारी मात्रा में धन इकट्ठा करने के बाद अपना कथित व्यवसाय बंद कर दिया और अंडरग्राउंड हो गए. ईडी अधिकारी ने कहा आरोपी संस्थाओं ने न तो ब्याज का भुगतान किया और न ही मूल राशि को जनता को लौटाया और जनता द्वारा किए गए निवेश को रोक दिया, जिसके परिणामस्वरूप धोखाधड़ी हुई. आरोप है कि अहमद ने अवैध गतिविधियों में शामिल होते हुए धोखे से लोगों से धन एकत्र किया. धोखाधड़ी वाले ऐप्स के माध्यम से निवेश योजनाओं का लालच देकर उसने लोगों के साथ ठगी की.
आपराधिक गतिविधियों के माध्यम से उत्पन्न आय को भारत से बाहर भेजने और क्रिप्टो मुद्राओं में निवेश करने के लिए कई शेल संस्थाओं के माध्यम इस काम को अंजाम दिया गया. वर्तमान में अनस अहमद न्यायिक हिरासत में है और सीबी, सीआईडी, चेन्नई द्वारा बुक किए गए विधेय अपराध में पुझल सेंट्रल जेल, चेन्नई में बंद है. प्रधान सिटी सिविल एंड सेशंस और पीएमएलए मामलों के विशेष न्यायाधीश, बेंगलुरु ने धोखाधड़ी की जांच के लिए 20 जनवरी 2022 को ईडी को अनस अहमद की 6 दिनों की हिरासत की अनुमति दी थी. अधिकारी ने बताया कि मामले में आगे की जांच की जा रही है.
HIGHLIGHTS
- चीन से भी जुड़ रहे हैं तार
- अनस चेन्नई की जेल में बंद