50 करोड़ से अधिक खातों का फेसबुक डेटा हैकरों की वेबसाइट पर ऑनलाइन

सोशल मीडिया कंपनी ने 2018 में फोन नंबर के जरिए यूजर के खातों को खोजने की सुविधा इस खुलासे के बाद बंद कर दी थी कि राजनीतिक कंपनी ‘कैम्ब्रिज एनालिटिका’ ने आठ करोड़ 70 लाख फेसबुक यूजर की जानकारी उनकी जानकारी या सहमति के बिना प्राप्त कर ली.

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Ravindra Singh
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फेसबुक( Photo Credit : फाइल)

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यह सूचना कई साल पुरानी प्रतीत होती है, लेकिन यह फेसबुक एवं अन्य सोशल मीडिया साइट द्वारा एकत्र की जाने वाली विस्तृत जानकारी की सुरक्षा को लेकर सवाल खड़े करती है. डेटा उपलब्ध होने की जानकारी ‘बिजनेस इनसाइडर’ वेबसाइट ने दी. इस वेबसाइट के अनुसार, 106 देशों के लोगों के फोन नंबर, फेसबुक आईडी, पूरे नाम, स्थान, जन्मतिथि और ईमेल पते ऑनलाइन उपलब्ध है. लोगों की जानकारी की सुरक्षा को लेकर फेसबुक पर कई साल से सवाल उठते रहे हैं. सोशल मीडिया कंपनी ने 2018 में फोन नंबर के जरिए यूजर के खातों को खोजने की सुविधा इस खुलासे के बाद बंद कर दी थी कि राजनीतिक कंपनी ‘कैम्ब्रिज एनालिटिका’ ने आठ करोड़ 70 लाख फेसबुक यूजर की जानकारी उनकी जानकारी या सहमति के बिना प्राप्त कर ली.

यूक्रेन के एक सुरक्षा अनुंसधानकर्ता ने दिसंबर 2019 में बताया था कि 26 करोड़ 70 लाख फेसबुक यूजर की जानकारी इंटरनेट पर उपलब्ध है. अभी यह अस्पष्ट है कि ‘बिजनेस इनसाइडर’ ने जिस डेटा के उपलब्ध होने की जानकारी दी है, वह दिसंबर 2019 में मिले डेटा से संबंधित है या नहीं. फेसबुक ने एक बयान में कहा, यह पुराना डेटा है, जिसकी जानकारी 2019 में दी गई थी. हमने इस समस्या को अगस्त 2019 में ही दूर कर दिया था. 

देश के करोड़ो लोग इस्तेमाल करते हैं सोशल मीडिया
सोशल मीडिया और ओटीटी प्लेटफॉर्म के इस्तेमाल के दुरुपयोग को देखते हुए केन्द्र सरकार ने इस पर नई गाइडलाइंस जारी की है. केन्द्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि सोशल मीडिया का करोड़ों लोग इस्तेमाल करते हैं. इसलिए इसके दुरुपयोग को रोकना जरूरी है. आने वाले तीन महीने में नए गाइडलाइन लागू हो जाएंगी. उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया का हिंसा के लिए इस्तेमाल किया जा रहा है. सोशल मीडिया पर आपत्तिजनक पोस्ट को मंजूर नहीं किया जाएगा. सोशल मीडिया कंपनियों को एक ग्रीवांस रिड्रेशल सिस्टम बनाना होगा, उस ऑफिसर का नाम बताना होगा और शिकायत का निवारण 15 दिन में करना होगा.

24 घंटे में हटाना होगा आपत्तिजनक पोस्ट
रविशंकर प्रसाद ने कहा कि अगर कोई अगर कोई आपत्तिजनक कंटेंट है तो उसको पहली बार भारत मे किस ने जनरेट किया उसको बताना होगा. नियमों के अनुसार उस पर कारवाई होगी. 24 घंटे के अंदर उस पोस्ट को हटाना होगा. अगर कोई ट्वीट हटाया जा रहा है किसी भी यूजर का , तो उसे बताना पड़ेगा की आपका कंटेंट क्यों हटाया जा रहा है. उन्होंने कहा कि प्रेस को प्रेस काउंसिल का कोड फॉलो करना पड़ता है.. लेकिन OTT को लेकर कोई ऐसा नियम  नहीं है. OTT को लेकर संसद में 50 सवाल पूछे जा चुके हैं.

HIGHLIGHTS

  • 50 करोड़ से अधिक खातों का फेसबुक डेटा हैक किया
  • डेटा उपलब्ध होने की जानकारी एक वेबसाइट ने दी
  • ‘बिजनेस इनसाइडर’ है उस वेबसाइट का नाम
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