देश में कोरोना वायरस संक्रमण का तांडव दूसरी लहर में सिर चढ़कर बोल रहा है. कोविड मरीजों को ऐसे में लगातार ऑक्सीजन सिलेंडर की जरूरत रही है. देश में ऐसे मौकों पर भी ऑक्सीजन सिलेंडर और जरूरी दवाओं सहित रेमेडिसिविर इंजेक्शन तक की ब्लैक मार्केटिंग की खबरें आईं हैं. ऑक्सीजन सिलेंडर के नाम पर देश के ठगों के अलावा विदेशी ठगों ने भी हाथ दिखाए और एक हजार से ज्यादा लोगों के साथ ठगी की. दो विदेशी नागरिक ऑक्सीजन की ब्लैक मार्केटिंग के जुर्म में गिरफ्तार भी किए गए हैं. गिरफ्तार किए गए विदेशी ठगों के पास से दो करोड़ से ज्यादा की रकम बरामद की गई है.
यह इंटरनेशनल गैंग दो करोड़ रुपए से अधिक की ठगी कर चुका है. पुलिस ने इनके पास से 165 सिमकार्ड, 22 मोबाइल फोन, 5 लैपटॉप, दो वाईफाई डोंगल और 4 डेबिट कार्ड बरामद किए हैं. पहले विदेश से पार्सल के जरिए फैट रिडक्शन, दवाईयां आदि भेजने के नाम पर लोगों से धोखाधड़ी करते थे, लेकिन कोरोना काल में बढी ऑक्सीजन और जीवन रक्षक दवाईयों की मांग बढ़ने से इन्होंने भी अपना ठगी का तरीका बदल दिया.
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गैंग तक पहुंचने वाली क्राइम ब्रांच के मुताबिक पकड़े गए दोनों आरोपी मूलरुप से नाईजीरिया और घाना के रहने वाले हैं. इनकी पहचान चीका बेनेथ (42) व जोनाथन कोजो (44) के तौर पर हुई है. पंचशील विहार खिड़की इलाके में रह रहे थे. 5 मई को पइस मामले में चीटिंग की एक शिकायत दर्ज करायी थी, जिसमें पीड़ित ने बताया उनके एक रिश्तेदार को ऑक्सीजन सिलेंडर की बेहद जरुरत थी.
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सोशल मीडिया पर एक मोबाइल नंबर देखा, जिसमें सिलेंडर दिलवाने का दावा किया गया था. उस नंबर पर वाट्सएप मैसेज से बात की. दूसरी तरफ से 16 हजार रुपए ऑक्सीजन सिलेंडर की कीमत और 4 हजार रुपए ट्रांसपोर्ट चार्ज बताया गया. पीड़ित ने बताए गए अकाउंट में ऑनलाइन रुपए ट्रांसफर कर दिए. इसके बावजूद पीड़ित को ऑक्सीजन सिलेंडर नहीं मिला. आरोपी ने उनका मोाबाइल नंबर भी ब्लॉक कर दिया. इस बाबत ज्योति नगर थाने में केस दर्ज किया गया. इसी तरह धोखाधड़ी के कई मामले दिल्ली के अलग अलग इलाकों में सामने आ चुके थे, जिसमें एक ही मोबाइल नंबर का इस्तेमाल हुआ.
HIGHLIGHTS
- विदेशियों ने भी भारतीय बाजारों में दिखाए ठगी के हाथ
- कोरोना संक्रमण के दौरान की ऑक्सीजन की ब्लैक मार्केटिंग
- दो नाईजीरियाई नागरिकों ने की एक हजार भारतीयों से ठगी