देश में चोरी-चुपके से इंटरनेट (Internet) पर पोर्न (Porn) देखने वालों की संख्या भरपूर है. ऐसे में इंटरनेट पर ऐसे लोगों के लिए ठगी करने के लिए कई गिरोह सक्रिय हैं. ऐसा ही एक मामला सामने आया है जहां कुछ लोगों को इस ठगी वाले गिरोह ने पुलिस का फर्जी पुलिस नोटिस भेजकर पैसे ऐंठ लिए. आपको बता दें कि ऐसे गिरोह सोशल मीडिया के सभी प्लेटफॉर्म पर मौजूद रहते. पुलिस ने ऐसे ही एक गिरोह का पर्दाफाश किया है. ये गिरोह कंबोडिया और तमिलनाडु से संचालित हो रहा था. हाई-टेक जबरन वसूली गिरोह के भारतीय मास्टरमाइंड समेत तीन को पुलिस ने गिरफ्तार किया है.
दिल्ली पुलिस की साइबर क्राइम यूनिट को सोशल मीडिया के माध्यम से इस तरह की धोखाधड़ी का पता चला और साइबर क्राइम टीम ने इस मामले को स्वत: संज्ञान में लेकर कार्रवाई शुरू कर दी. फर्जी पुलिस नोटिस प्रदर्शित करने के लिए एडवेयर और ब्राउजर पॉप-अप विंडो का इस्तेमाल किया जिसमें पीड़ितों को पोर्नोग्राफी देखने के लिए जुर्माना भरने का नोटिस दिया गया था. भोले-भाले पीड़ितों से जबरन वसूली के लिए यूपीआई भुगतान और क्यूआर कोड का इस्तेमाल भी किया जाता था.
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दिल्ली पुलिस की साइबर क्राइम टीम ने 20 से भी अधिक बैंक खातों के माध्यम से इस मामले की धोखाधड़ी के लगभग 30 लाख रुपए बटोरे जाने का पता चला, भारतीय करेंसी के क्रिप्टोक्यूरेंसी के माध्यम से देश से बाहर जाने का संदेह भी जाहिर किया गया है. डीसीपी साइबर क्राइम यूनिट ने बताया की सोशल मीडिया पर नजर रखे जाने के दौरान एक नोटिस के बारे में रिपोर्ट किया गया जो लोगों को कथित तौर पर पुलिस से प्राप्त हुआ था.
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इस रिपोर्ट में उन्हें बताया जा रहा था कि चूंकि वे इंटरनेट पर पोर्नोग्राफी देख रहे थे जो एक इस देश में एक प्रतिबंधित गतिविधि है, इसलिए उनके कंप्यूटर की सभी फाइलों को ब्लॉक कर दिया गया है और उन्हें ऐसी अवैध गतिविधि करने के लिए 3 हजार रुपये का जुर्माना देना होगा.
Source : Avneesh Chaudhary