कर्नाटक के शिवमोगा में बजरंग दल कार्यकर्ता हर्षा हत्याकांड की जांच का जिम्मा संभालने वाली राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने प्रारंभिक जांच में पाया है कि यह अपराध हिजाब विवाद की पृष्ठभूमि में सांप्रदायिक हिंसा को अंजाम देने के लिए किया गया था. एनआईए के अधिकारी ने पाया कि हर्ष की हत्या एक साजिश और सांप्रदायिक हिंसा पैदा करने की योजना के साथ की गई थी. एनआईए के सूत्रों ने यह भी कहा कि एजेंसी ने अपनी प्राथमिकी में इस पहलू का उल्लेख किया है. हिजाब विवाद के बीच शिवमोगा में 20 फरवरी को हर्षा की हत्या कर दी गई थी. सांप्रदायिक हिंसा की किसी भी घटना को नियंत्रित करने के लिए शिवमोगा जिले में सात दिनों के लिए कर्फ्यू लगा दिया गया था. हत्या के बाद बड़े पैमाने पर हिंसा भी हुई थी.
सूत्रों ने आगे कहा कि हत्या को डर पैदा करने और समाज में शांति और सद्भाव को बिगाड़ने के लिए भी अंजाम दिया गया था. गृह मंत्री अरागा ज्ञानेंद्र ने भी कहा था कि स्थानीय पुलिस की जांच में पाया गया है कि हत्या के पीछे एक सांप्रदायिक एजेंडा था. राष्ट्रीय महासचिव और भाजपा विधायक सी.टी. रवि ने पहले कहा था कि शुरूआत में ही यह स्पष्ट हो गया था कि हर्ष की हत्या व्यक्तिगत कारणों से नहीं हुई थी.
उन्होंने कहा कि मुझे नहीं लगता कि यह दुश्मनी से बाहर किसी का व्यक्तिगत निर्णय है. इसके पीछे एक सुव्यवस्थित रैकेट की संभावना है. वित्त प्रदान करने वाले, किसने साजिश रची, किसने उकसाया, किसने अदालतों में उनका समर्थन किया, इसके पहलुओं पर गौर करना होगा. जांच होनी चाहिए. मामले को एनआईए को सौंपने का उद्देश्य हिंदू कार्यकर्ताओं की हत्याओं को रोकना है. जांच शुरू होने दें और हम पता लगाएंगे कि अपराधी हमारे राज्य में हैं या किसी अन्य राज्य में.
HIGHLIGHTS
- हिजाब विवाद के चलते कर दी गई थी हर्षा की हत्या
- एनआईए ने आशंका जताई है कि दंगा फैलाना था लक्ष्य