पैगंबर मोहम्मद साहब के खिलाफ भाजपा की पूर्व प्रवक्ता नूपुर शर्मा के बेहद आपत्तिजनक बयान के मामले के बाद अब दिल्ली पुलिस एक्शन में नजर आ रही है. इन लोगों के भड़काऊ बयानबाजी से धार्मिक सद्भाव बिगाड़ने के मामले में एफआईआर दर्ज की है. जिन लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है. वे हैं भाजपा की पूर्व प्रवक्ता नूपुर शर्मा, नवीन कुमार जिंदल, नरसिंहानंद के अलावा पीस पार्टी के प्रवक्ता शादाब चौहान, सबा नकवी, मौलाना मुफ्ती नदीम, अब्दुर रहमान, गुलजार अंसारी, अनिल कुमार मीणा और पूजा शकुन के नाम शामिल हैं. इसमें सबसे चौकाने वाला नाम AIMIM चीफ असदुद्दीन ओवैसी का है.
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यति और ओवैसी दोनों के खिलाफ लगाई गई एक जैसी धाराएं
भड़काऊ बयान देने और सोशल मीडिया पर नफरत भरे संदेश फैलाने के मामले में दिल्ली पुलिस की IFSO यूनिट ने असदुद्दीन ओवैसी और नरसिंहानंद के खिलाफ भी मामला दर्ज किया है. दिल्ली पुलिस के सूत्रों के मुताबिक असदुद्दीन ओवैसी और स्वामी नरसिंहानंद पर सोशल मीडिया के माध्यम से समाज में नफरत फैलाने वाले संदेश प्रसारित करने, गलत और अपुष्ट खबरों को फैलाने, धार्मिक सद्भावना बिगाड़ने के आरोप सहित कई अन्य धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है.
सोशल मीडिया संस्थानों की भूमिका की भी होगी जांच
गौरतलब है कि एक टीवी डिबेट में पैगंबर मोहम्मद साहब के खिलाफ कथित विवादास्पद टिप्पणी के लिए भाजपा नेता नूपुर शर्मा के निलंबन के बाद यह मामला सामने आया है. इसके तहत पुलिस ने कई व्यक्तियों के खिलाफ कार्रवाई की है. इसके साथ ही पुलिस झूठी सूचनाओं को बढ़ावा देने में अलग-अलग सोशल मीडिया संस्थाओं की भूमिका की भी जांच करेगी.
भड़काऊ बयान के बाद भाजपा से निलंबित हो चुके दोनों नेता
आपको बता दें कि भारतीय जनता पार्टी ने रविवार को अपनी प्रवक्ता नूपुर शर्मा और नेता नवीन जिंदल को मुसलमानों के पैगम्बर हजरत मोहम्मद साहब के खिलाफ भड़काऊ टिप्पणी का वीडियो वायरल होने के बाद पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से निलंबित कर दिया था. अपने दोनों विवादित नेताओं को निलंबित करने के साथ ही भाजपा ने कहा कि वह सभी धर्मों का सम्मान करती है और हर उस विचारधारा के खिलाफ है, जो किसी भी संप्रदाय या धर्म का अपमान करती है.
खाड़ी देशों के सख्त तेवर से बैकफुट पर आई भाजपा
दरअसल, इस्लाम धर्म के पैगम्बर हजरत मोहम्मद साहब के खलिपा पूर्व भाजपा नेताओं की टिप्पणी के बाद देश के मुसलमानों के साथ ही खाड़ी देशों में बड़े पैमाने पर आक्रोश देखने को मिला था. वहां भारतीय उत्पादों के बहिष्कार से लेकर भारत के खिलाफ माहौल बनता दिख रहा था. खाड़ी देशों के कई सरकारों ने भारतीय राजदूत को तलब कर विरोध दर्ज करया था और भारत सरकार से माफ़ी की मांग की थी. इसके बाद भारत ने सफाई देते हुए कहा कि उसने पैगम्बर मोहम्मद साहब और खिलाफ अल्पसंख्यकों के खिलाफ विवादित टिप्पणी करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की है.
HIGHLIGHTS
- भड़काऊ बयान देने वालों खिलाफ पुलिस ने दर्ज की एफआईआर
- आरोपियों में हिंदू और मुसलमान दोनों समुदायों लोग हैं शामिल
- एफआईआर दर्ज कर आगे की जांच में जुटी पुलिस