Advertisment

बच्ची से बलात्कार और हत्या के दोषी को मृत्युदंड, हाईकोर्ट ने कहा....

पीठ ने कहा कि दोषी द्वारा किया गया कृत्य भीषण, बर्बर और मानव चेतना को झकझोर देने वाला था और यह ‘दुर्लभ से दुर्लभतम’ की श्रेणी में आता है. अदालत ने कहा, ‘‘एक बालिका की सुरक्षा समाज के लिए सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण है.’’

author-image
Vijay Shankar
एडिट
New Update
High court

High court ( Photo Credit : File Photo)

Advertisment

बंबई उच्च न्यायालय ने तीन साल की बच्ची से बलात्कार और हत्या के जुर्म में 30 वर्षीय व्यक्ति को दी गई मौत की सजा को गुरुवार को बरकरार रखा. हाईकोर्ट ने कहा कि दोषी ने एक भीषण और बर्बर कृत्य किया तथा बच्ची की सुरक्षा समाज में सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण है.  न्यायमूर्ति साधना जाधव और न्यायमूर्ति पृथ्वीराज चव्हाण की पीठ ने मार्च 2019 में यौन अपराधों से बच्चों के संरक्षण (पॉक्सो) कानून के तहत मामलों की सुनवाई के लिए निर्धारित एक विशेष अदालत द्वारा रामकीरत गौड़ को सुनाई गई मौत की सजा की पुष्टि की.

यह भी पढ़ें : पिता को 19 साल बाद मिला न्याय, बेटियों की हत्या के आरोप में मिली थी सजा

अदालत ने कहा, ‘‘आरोपी का कृत्य वीभत्स था और उसने राक्षसी रवैया दिखाया. यह एक जघन्य अपराध है. यह अकल्पनीय है कि अपने पालतू जानवर के साथ खेलने वाली हंसमुख, खिलखिलाती बच्ची एक आदमी में वासना की भावनाओं को भड़काएगी, जो खुद दो बेटियों और एक बेटे का पिता है. अदालत ने कहा कि उसने व्यक्तिगत रूप से आरोपी से बात की और उसने कोई पछतावा नहीं प्रकट किया. ठाणे जिले में सितंबर 2013 में पीड़िता के घर के आसपास की एक इमारत में चौकीदार के रूप में काम करने वाले गौड़ पर तीन साल की बच्ची से बलात्कार करने और फिर उसकी हत्या करने का आरोप था. बच्ची का शव पास के तालाब से बरामद किया गया था. 

अदालत ने अपने फैसले में कहा, ‘‘गुलाब की एक कली खिलने से पहले ही कुचल दी गई, एक पतंग जब उड़ने वाली थी तो उसकी डोर कट गई, एक फूल को कुचल दिया गया.’’अदालत ने कहा कि एक बच्ची अपने छोटे कुत्ते के साथ खेल रही थी और मासूम जब अपनी ही दुनिया में मगन थी, तब उसे देखकर एक धूर्त आदमी की वासना की आग भड़क उठी. पीठ ने कहा कि अंत्यपरीक्षण रिपोर्ट के अनुसार, बच्ची को मारने से पहले उससे बेरहमी से मारपीट की गई थी. 

पीठ ने कहा कि अभियोजन पक्ष द्वारा प्रस्तुत साक्ष्य के अनुसार, दोषी को आखिरी बार उस बच्ची के साथ देखा गया था जो उसके तुरंत बाद मृत मिली थी और कुत्ता दोषी के घर के बगल में एक कमरे की खिड़की से बंधा पाया गया था. अदालत ने फैसले में कहा, ‘‘मौजूदा मामले में दोषी के राक्षसी कृत्य को देखते हुए यह स्पष्ट है कि अपीलकर्ता (गौड़) ने एक पल के लिए भी बच्ची के अनमोल जीवन के बारे में नहीं सोचा. उसे एक पल के लिए भी अहसास नहीं हुआ कि वह खुद दो बेटियों का पिता है, जिनकी आगे की जिंदगी है.’

HIGHLIGHTS

  • बंबई हाईकोर्ट ने व्यक्ति को दी गई मौत की सजा को बरकरार रखा
  • हाईकोर्ट ने कहा- दोषी ने एक भीषण और बर्बर कृत्य किया
  • हाईकोर्ट ने कहा- दोषी द्वारा किया गया कृत्य भीषण और बर्बर

Source : News Nation Bureau

High Court Murder Death Sentence हत्या बलात्कार child rape Mumbai High Court ramkirat goud मुंबई उच्च न्यायालय मृत्युदंड रामकीरत गौड़
Advertisment
Advertisment
Advertisment