केरल हाईकोर्ट ने रेप के आरोपी चार पादरियों में से एक फादर जॉनसन वी. मैथ्यू को सोमवार को जमानत दे दी।
अदालत ने, हालांकि, मलंकारा ऑर्थोडॉक्स चर्च को उनका पासपोर्ट सुपूर्द करने का निर्देश दिया।
रेप के इस मामले की जांच कर रही पुलिस की अपराध शाखा ने मैथ्यू को 13 जुलाई को तिरुवल्ला के पास से गिरफ्तार किया था। उनको पथनामथिट्टा जिला कारवास में रखा गया था।
अपराध शाखा पुलिस ने मामले में फादर जॉब मैथ्यू और फादर जॉनसन वी. मैथ्यू समेत चार पादरियों को आरोपी ठहराया है।
फादर सोनी (अब्राहम) वर्गीज और फादर जैस के. जॉर्ज ने मामले में सर्वोच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया है, जहां याचिका पर अंतिम निर्णय आने तक उनकी गिरफ्तारी पर रोक लगा दी गई है।
जॉनसन वी. मैथ्यू पर एक महिला का शील भंग करने का आरोप है, जबकि तीन अन्य पादरियों पर महिला के साथ रेप करने का आरोप है।
पीड़िता नियमित रूप से चर्च जाती थी। उनका आरोप है कि पांच पादरियों ने एक दशक तक उनका यौन-शोषण किया। महिला के पति ने शिकायत दर्ज कराई है कि वह कम से कम पांच पादरियों के दबाव में आ गई।
उन्होंने कहा कि पहले एक पादरी ने उनकी पत्नी का शोषण किया और उसके बाद वह उनको ब्लैकमेल करने लगा। जब उन्होंने एक अन्य पादरी से मदद मांगी तो वह भी उनको धमकाने लगे। इसके बाद पांच पादरियों ने मिलकर उनको शिकार बनाया।
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Source : IANS