त्रिवेंद्रम अंतर्राष्ट्रीय हवाईअड्डे पर एक राजनयिक लगेज से 30 किलोग्राम सोना जब्त होने के बाद केरल (Kerala) में एक बड़ा राजनीतिक जूफान खड़ा हो गया है, क्योंकि तस्करी रैकेट की मुख्य संदिग्ध स्वपना सुरेश राज्य में सत्ताधारी वाम लोकतांत्रिक मोर्चा की सरकार की करीबी बताई जा रही है. केरल आईटी विभाग के साथ संलग्ध एक हाई-प्रोफाइल कंसल्टैंट, स्वपना सुरेश एक स्वर्ण तस्करी (Smuggling) स्कैंडल की जांच में नाम आने के बाद से कथित तौर पर फरार है. यह स्कैंडल उसे संयुक्त अरब अमीरात(UAE) से संचालित शीर्ष तस्करों से जोड़ता है.
दूसरे देशों से जुड़े हैं तार
सीमा शुल्क आयुक्त सुमित कुमार ने करोड़ों के स्वर्ण तस्करी स्कैंडल के बारे में कहा कि जांचकर्ता इस रैकेट से लाभान्वित हुए लोगों के नामों का खुलासा करने के लिए विभिन्न कोणों से आगे बढ़ रहे हैं. वरिष्ठ आईआरएस अधिकारी सुमित कुमार ने स्वपना सुरेश का नाम लिए बगैर कहा, 'यह एक (स्वर्ण तस्करी का) ऐसा मामला है, जिसके तार दूसरे देशों से जुड़े हुए हैं. हम मुख्य सरगना की पहचान करने की प्रक्रिया में हैं.'
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सीएम ऑफिस से पड़ा दबाव
तस्करी रैकेट में स्वपना सुरेश का नाम आने के तत्काल बाद राज्य भाजपा अध्यक्ष के. सुरेंद्रन ने आरोप लगाया कि आईटी सचिव और मुख्यमंत्री पिनरई विजयन के कार्यालय ने स्वपना का नाम हटाने के लिए दबाव बनाया. भाजपा ने यह भी आरोप लगाया कि केरल के आईटी सचिव स्वपना को संरक्षण दे रहे हैं, जो अपने शीर्ष स्तर पर संपर्कों के लिए जानी जाती है. आईटी सचिव मुख्यमंत्री के भी सचिव हैं और वह स्वपना के आवास पर अक्सर आते-जाते रहे हैं.
सीएम विजयन ने दी सफाई
बाद में मुख्यमंत्री विजयन के कार्यालय ने स्वपना से किसी तरह के संबंध से इंकार किया. राज्य सरकार ने स्वपना को केरल स्टेट आईटी इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड (केएसआईटीएल) से बर्खास्त भी कर दिया. आईटी सचिव एम. शिवशंकर को भी मुख्यमंत्री के सचिव पद से हटा दिया गया. विपक्ष ने अब केएसआईटीएल में स्वपना की नियुक्ति की सीबीआई जांच की मांग की है, जबकि उसके खिलाफ अपराध शाखा की एक जांच लंबित है.
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ऊपर तक पहुंच रखती है संदिग्ध आईटी प्रोफेशनल
सीमा शुल्क विभाग के सूत्रों ने कहा कि स्वपना अबू धाबी में पैदा हुई और वहीं पली-बढ़ी है. वर्ष 2011 में उसने तिरुवनंतपुरम में एक ट्रैवेल एजेंसी में नौकरी जॉइन की. दो साल बाद एयर इंडिया एसएटीएस से जुड़ गई, लेकिन 2016 में वह अबू धाबी चली गई, जब अपराध शाखा ने उसके खिलाफ चार सौ बीसी की एक जांच शुरू की थी. स्वपना को उसके बाद यूएई कंसुलेट में नौकरी मिल गई. चूंकि स्वपना अरबी भाषा धाराप्रवाह बोलती है, लिहाजा वह अरब के कारोबारियों के संपर्क में आ गई और उसने केरल के लिए कई प्रतिनिधिमंडलों का नेतृत्व किया.
राजनयिक बैगेज से तस्करी
सूत्रों ने कहा कि ट्रैवेल एजेंसी और बाद में एआई एसएटीएस में अपने कार्यकाल के दौरान स्वपना हवाईअड्डों और सीमा शुल्क विभाग के कई अधिकारियों के संपर्क में आ गई थी. उसे राजनयिक खेपों की आपूर्ति और हैंडलिंग की भी जानकारी हो गई थी. माना जाता है कि केरल के साथ ही यूएई में अपने संपर्को के कारण स्वपना धीरे-धीरे विभिन्न समूहों से परिचित हो गई थी और कथित रूप से राजनयिक खेपों के जरिए स्वर्ण तस्करी के लिए उसने सिस्टम का इस्तेमाल किया.