उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) में एक ऐसा मामले सामने आया है, जिसे सुनकर हर कोई दंग रह गया. एक अस्पताल संचालिका ने फर्जी गैंगरेप की कहानी रच दी. इस मामले का खुलासा तब हुआ जब उसने खुद ही इस सच्चाई को स्वीकार किया और पुलिस को पूरी कहानी बताई.
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दरअसल, अमरोहा में डगरौली में एक निजी अस्पताल चलाने वाली एक महिला ने पिछले दिनों 6 लोगों पर गैंगरेप का आरोप लगाते हुए केस दर्ज कराया था. महिला ने पुलिस को बताया था कि आरोपियों ने उसके प्राइवेट पार्ट पर भी चोट पहुंचाई है. महिला ने गैंगरेप का आरोप अस्पताल में अपने साझीदार ऋषिपाल के ससुर हुक्म सिंह, साले तेजवीर, साले विष्णु और शाहपुर कला निवासी अखिलेश पर लगाया था.
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इसके बाद पुलिस ने चारों नामजद आरोपियों को हिरासत में ले लिया, लेकिन जांच जब शुरू हुई तो पुलिस को शक हुआ और जब मेडिकल रिपोर्ट आई तब मामले का खुलासा हो गया. पोल खुलने के बाद अस्पताल संचालिका ने सच कबूला और पुलिस को पूरी कहानी बता दी. उसने कहा कि घटना को सच्चा दिखाने के लिए सिरिंज से खून निकालकर अपने कपड़ों पर फैलाया था.
पुलिस ने न्यायालय के सामने महिला के बयान दर्ज कराए. सच्चाई सामने आने पर पुलिस ने हिरासत में लिए गए चारों नामजद आरोपियों को छोड़ दिया. बताया जा रहा है कि उसने यह सब इसलिए किया क्योंकि उसकी अस्पताल के साझीदार ऋषिपाल से नजदीकी है और उसे किसी मुकदमे से बचाने के लिए इन लोगों को फंसाना चाहती थी.
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अस्पताल संचालिका मूलरूप से अलीगढ़ की है. पति की मौत के बाद वह देवर के साथ रहने लगी और उससे एक बेटा भी है. देवर किसी मामले में जेल में है. इसी दौरान वह ऋषिपाल के संपर्क में आई और दोनों ने मिलकर अस्पताल खोला.