गूगल के एक पूर्व कर्मचारी ने खुलासा किया है कि इंजीनियरों के एक समूह ने किस तरह 10 साल पहले इसके यूट्यूब प्लेटफार्म पर माइक्रोसॉफ्ट इंटरनेट एक्सप्लोरर 6 को खत्म करने की योजना बनाई थी. 'द वर्ज' की शनिवार की रपट के अनुसार, यूट्यूब ने 2009 में इंटरनेट एक्सप्लोरर 6 (आईई6) के उपभोक्ताओं को एक बैनर दिखाना शुरू किया, जिसमें चेतावनी दी गई कि माइक्रोसॉफ्ट ब्राउजर के लिए समर्थन जल्द ही चरणबद्ध रूप से धीरे-धीरे समाप्त हो जाएगा. गूगल ने यूट्यूब को 1.65 अरब डॉलर में 2006 में खरीद लिया था.
गूगल व यूट्यूब के पूर्व इंजीनियर क्रिस जकैरियस ने खुलासा किया कि पुराने ब्राउजर के समर्थन से निराश हमने सामूहिक रूप से कल्पना करनी शुरू की कि हम कैसे आईई6 पर अपना बदला ले सकते हैं.
पूर्व इंजीनियर के बयान के हवाले से कहा गया है, 'योजना बहुत ही आसान थी. हम वीडियो प्लेयर के ऊपर एक छोटा-सा बैनर लगाएंगे, जो सिर्फ आईई6 उपयोगकर्ताओं को दिखाई देगा.' यह संदेश सभी यूट्यूब पृष्ठों पर ऐसे समय में दिखाई दिया, जब आईई6 उपभोक्ताओं ने सभी यूट्यूब ट्रैफिक का 18 फीसदी का प्रतिनिधित्व किया.
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यूट्यूब इंजीनियरों ने अनुमति के लिए ओल्डट्यूबर नामक एक विशेष सेट निर्मित किया, जिससे वे गूगल की कोड प्रवर्तन नीतियों की उपेक्षा कर सकते थे और यूट्यूब कोडबेस में सीधे तौर पर परिवर्तन कर सकते है.
जकेरियस ने कहा, 'हमने अपने सामने आईई6 को स्थायी रूप से अयोग्य करने का अवसर देखा, जिसे हम फिर नहीं प्राप्त कर सकते थे.'
Source : IANS