कथित रूप से जैश-ए-मोहम्मद और लश्कर-ए-तैयबा से जुड़ा एक हैदराबादी भगोड़ा मोहम्मद फरहतुल्ला घोरी तेलंगाना के काउंटर इंटेलिजेंस और इंटेलिजेंस ब्यूरो की जांच के दायरे में आ गया है. खुफिया संस्थाओं को इनपुट मिला है कि वह भारतीय युवाओं में ऑनलाइन कट्टरता फैलाने में सक्रिय रूप से शामिल है. पाकिस्तान में बैठा फरहतुल्ला गोरी कथित तौर पर हैदराबाद और देश के अन्य हिस्सों से लोगों को आतंकी संगठनों में शामिल होने के लिए आकर्षित करने के लिए कई टेलीग्राम चैनल, फेसबुक पेज और यूट्यूब चैनल चला रहा है.
2020 में घोषित किया गया था आतंकी
केंद्रीय गृह मंत्रालय ने अक्टूबर 2020 में उसे गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम (यूएपीए) के तहत एक आतंकवादी के रूप में घोषित किया था और उसके खिलाफ एक इंटरपोल रेड कॉर्नर नोटिस भी जारी हुआ है. फरहतुल्ला गोरी उर्फ अबू सुफियान उर्फ सरदार साहब उर्फ फारू प्रतिबंधित आतंकवादी संगठनों, लश्कर और जैश का प्रमुख सदस्य है. यूएपीए के आदेश में कहा गया है कि वह गुजरात और हैदराबाद में आतंकी मामलों में आरोपी है.
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आईएसआई की नई साजिश
इस बीच पता चला है कि पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई भारतीय युवकों को भाड़े के सैनिक यानी आतंकी बनाने की दिशा में सक्रिय है. हालांकि जम्मू-कश्मीर पुलिस की कड़ी कार्रवाई ने पाकिस्तान की जासूसी एजेंसी आईएसआई के कश्मीरी लड़कों को पासपोर्ट के जरिए पड़ोसी देश में ले जाकर और बाद में भाड़े के सैनिकों के साथ घाटी में घुसपैठ कराने के तरीके पर ब्रेक लगा दिया है. आईएसआई आतंकवादियों पर किसी भी तरह से घाटी से युवाओं को लाने के लिए दबाव डाल रही है. चाहे वह शैक्षिक और धार्मिक उद्देश्य हो या सामाजिक समारोह के लिए हो.
HIGHLIGHTS
- ऑनलाइन फैला रहा है युवाओं में कट्टरता
- यूएपीए के तहत आतंकी घोषित है गोरी