सुप्रीम कोर्ट ने न्यायिक जांच आयोग द्वारा दिसंबर 2019 की कथित हैदराबाद मुठभेड़ में हुई हत्याओं की रिपोर्ट को सार्वजनिक करने की अनुमति दे दी है. सुप्रीम कोर्ट ने तेलंगाना राज्य की उस मांग को खारिज कर दिया कि रिपोर्ट को एक सीलबंद लिफाफे में रखा जाना चाहिए. इसके साथ ही कोर्ट रिपोर्ट की कॉपी को याचिकाकर्ताओं के साथ साझा करने की अनुमति दी, जिन्होंने मुठभेड़ की जांच की मांग करने वाली जनहित याचिका दायर की है.
सुप्रीम कोर्ट ने मामले को हाई कोर्ट को सौंपने को कहा
सुप्रीम कोर्ट ने मामले को वापस तेलंगाना हाईकोर्ट को भी सौंप दिया है. बता दें कि 12 दिसंबर, 2019 को सुप्रीम कोर्ट ने 6 दिसंबर, 2019 को हैदराबाद में चार आरोपी व्यक्तियों के कथित एनकाउंटर का कारण बनने वाली परिस्थितियों की जांच के लिए सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज जस्टिस वीएस सिरपुरकर की अध्यक्षता में एक जांच आयोग के गठन का निर्देश दिया था. जांच के बाद आयोग ने अपनी रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट को सौंप दी थी. सुप्रीम कोर्ट ने मामले को आगे की कार्यवाही के लिए हाईकोर्ट में भेजने के लिए कहा है.
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गैंगरेप के आरोपित वहीं हुए ढेर, जहां की थी जघन्यता
बता दें कि 27-28 नवंबर की दरम्यानी रात को हैदराबाद में महिला डॉक्टर के साथ हैवानियत की वारदात को अंजाम दिया गया। जिसमें हैवानों ने पहले महिला के साथ गैंगरेप किया फिर बाद में उसे जला दिया. महिला का शव बेंगलुरु हैदराबाद राष्ट्रीय राजमार्ग पर अंडरपास के पास मिला था. महिला का शव मिलने के बाद इस मामले में 29 नवंबर को चार लोगों को महिला डॉक्टर से बलात्कार और उसकी हत्या के आरोप में गिरफ्तार किया गया. जिसमें चारों की उम्र 20 से 24 साल के बीच थी. गिरफ्तारी के बाद आरोपियों को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया. 6 दिसंबर को पुलिस जांच और क्रइम सीन रिक्रियएट करने के लिए चारों आरोपितों को मौका-ए-वारदात पर लेकर गई, जहां चारों आरोपियों ने भागने की कोशिश की जिसमें पुलिस ने एनकाउंटर कर चारों आरोपितों को मार गिराया.
HIGHLIGHTS
- हैदराबाद गैंगरेप-मर्डर केस से जुड़ा मामला
- एनकाउंटर की जांच रिपोर्ट सार्वजनिक करने का आदेश
- सुप्रीम कोर्ट ने हाई कोर्ट को सौंपा मामला
Source : Avneesh Chaudhary