वहशियाना तरीके से खून खराबे से भरपूर वेब सीरिज का असर कहिए या राजधानी की बिगड़ती कानून व्यवस्था, दिल्ली का हाल 'मिर्जापुर' से ज्यादा भयावह नजर आ रहा है. पिछले एक महीने में दिल्ली के अलग-अलग इलाकों में जिस तरह से मामूली वजहों पर या कहें वर्चस्व की लड़ाई के चलते सरेराह कत्ल की ताबड़तोड़ वारदात हुई हैं, उससे तो यही जाहिर होता है.
हाल में कुछ वारदात सीसीटीवी में भी रिकॉर्ड हुई, जिसे देखने वालों ने दांतों तले अंगुली दबा ली. ताजा वारदात मंगोलपुरी की है, जहां एक दलित छात्र को मामूली बात पर इलाके के कुछ युवकों और दो किशोरों ने मिलकर सरेआम चाकू से इतनी बुरी तरह गोदा कि उसकी आंतें तक निकल आईं. इन वारदातों से जाहिर होता है कि हत्यारों का पुलिस या कानून का भय नहीं है, लेकिन उससे ज्यादा एक और बात परेशान करती है कि सभी हत्याओं के दौरान भीड़ तमाशबीन नजर आयी.
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रिटायर्ड डीसीपी व एडवोकेट एलएन राव ने कहा कि क्राइम पहले भी होते थे लेकिन अब वह वायरल होते हैं, जिससे समाज में डर फैलना जाहिर है. हालिया वारदातों में सबसे चिंता की बात यह है कि कई वारदात में फस्ट टाइमर क्रिमिनल या जुवेनाइल शामिल हैं, जिन्होंने मामूली झगड़े के चलते खौफनाक ढंग से मर्डर जैसे जुर्म को अंजाम दे दिया. पुलिस का कहना है कि सिनेमा का शुरू से समाज पर प्रभाव रहा है, आजकल जिस तरह क्राइम की वेबसीरिज आ रही हैं, खासकर वर्चस्व की लड़ाई के चलते वहशियाना हत्याओं का जिस तरह से चित्रण हो रहा है, उससे युवाओं और किशोरों के मनोदशा पर गलत असर पड़ रहा है.
कुछ प्रमुख सनसनीखेज वारदात...
17 नवंबर--मंगोलपुरी
इलाके में वर्चस्व की लड़ाई के चलते कई युवकों और किशोरों ने मिलकर पीयूष नामक के 18 साल के छात्र की चाकू से गोदकर हत्या कर दी. इसकी सीसीटीवी फुटेज भी सामने आई, जिसमें कई युवक पीयूष को घेरकर हमला कर रहे हैं, उस पर ताबड़तोड़ चाकू से वार कर रहे हैं. लोग तमाशबीन बने रहे. चाकू लगने से पीयूष की आंतें बाहर आ गईं. काफी देर तक उसकी कोई मदद करने वाला नहीं था, आखिर में आया एक युवक उसे अपने कंधे पर डालकर ले जाता नजर आ रहा है. इस मामले में पुलिस ने दो जुवेनाइस समेत सात को पकड़ा. पूछताछ में पता चला कि सभी ने इलाके में वर्चस्व बनाने के लिए बेरहमी से कत्ल की वारदात को अंजाम दिया था.
4 नवंबर - कालिंदी कुंज
एक नाबालिग किशोर की गली में शराब पी रहे कुछ लोगों को नमकीन लाकर देने से मना कर दिया तो सभी ने मिलकर उसे बेरहमी से सरेआम मौत के घात उतार दिया.
वारदात साउथ ईस्ट दिल्ली के कालिंदी कुंज थाना इलाके के मदनपुर खादर में हुई. नमकीन लाने से जब नाबालिग ने मना किया तो पहले इन लोगों ने उसे लात-घूंसों से पीटा और फिर चाकू से गले पर वार किया. घायल नाबालिग किसी तरह से घर पहुंचा जिसके बाद उसकी मौत हो गई. आरोपियां ने चाकू से उसके गले पर भी वार किया था.
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28 अक्टूबर महेंद्रा पार्क
नार्थ वेस्ट दिल्ली के महेंद्रा पार्क के भडोला गांव में मामूली बात पर एक परिवार ने मिलकर तीन भाइयों को चाकुओं से गोद दिया, जिससे सुशील नाम के एक युवक की मौत हो गई। उसका भाई सुनील गंभीर से रूप से घायल हुआ. तीसरे भाई और घर के अन्य सदस्यों पर भी चाकू से वार किए गए. पीड़ित परिवार का आरोप है कि घर में माता के भजन चल रहे थे. अल्पसंख्यक समुदाय के पड़ोसियों ने इस पर ऐतराज़ जताया. बंद न करने पर कहासुनी हुई और हमला कर दिया.
6 नवंबर- ईस्ट ऑफ कैलाश
राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के ईस्ट ऑफ कैलाश इलाके में दुकान के सामने पेशाब करने को लेकर कहासुनी होने पर 2 पक्षों में झगड़ा हो गया, जो इस कदर बढ़ा कि एक शख्स की हत्या कर दी गई.
डीसीपी आरपी मीणा के मुताबिक, ईस्ट ऑफ कैलाश इलाके के सी ब्लॉक मार्केट में झगड़े की सूचना थी. पुलिस को मौके पर पहुंचकर पता चला कि 34 साल का जगजीत उर्फ विक्की एक किराना की दुकान के सामने पेशाब कर रहा था. दुकान मालिक विनय और विमल दुकान बढ़ा कर दुकान के पास बैठे थे. जगजीत के पेशाब करने पर कहासुनी हो गई.
झगड़े के बाद जगजीत वहां से चला गया. वह अपने दोस्त अमनदीप, करण, अमित ,रमनदीप व अन्य को लेकर वापस आ गया. फिर दोनों पक्षों में मारपीट हुई. इसी बीच मार्केट के कई और दुकानदार आ गए थे. ऐसे में जगजीत और उसके दोस्त भागने लगे। भागते वक्त अमनदीप इस्कॉन मंदिर के पास खून से लथपथ हालत में गिर गया, जिसके बाद उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया. जहां उसकी मौत हो गई.
पोस्टमार्टम रिपोर्ट में पता चला कि उसके पीठ पर किसी धारदार चीज़ से हमला हुआ था. पुलिस ने हत्या का केस दर्ज कर किराना शॉप के मालिक विनय और विमल को गिरफ्तार कर लिया है.
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3 नवंबर - लाजपत नगर
दिल्ली के लाजपत नगर बाजार में इलाके के घोषित अपराधी की अज्ञात लोगों ने फावड़े से काटकर हत्या कर दी. आरोपियों ने मृतक आकिब पर फावड़े से कई वार किए, जिसमें कई वार सिर पर किए गए थे. हमले से उसका सिर बुरी तरह से फट गया. मौके पर ही मौत हो गई.
मृतक आकिब अपने परिवार के साथ नेहरू नगर स्थित जेजे कैम्प में रहता था. आकिब की शादी नहीं हुई थी. उसके परिवार में भाई, बहन और माता-पिता हैं. आकिब लाजपत नगर थाने का घोषित अपराधी था और उस पर एक दर्जन से ज्यादा संगीन धाराओं में केस दर्ज थे.
पुलिस की शुरुआती जांच में सामने आया है कि आकिब का इलाके के अन्य आपराधिक गैंग से झगड़ा चल रहा था. हत्या वर्चस्व की लड़ाई के चलते हुई.