गुरुग्राम पुलिस (gurugram police) की अपराध शाखा ने भोंडसी गांव स्थित जिला जेल के उप-अधीक्षक और उसके सहयोगी को गिरफ्तार किया है. इन पर कथित तौर पर कैदियों को मोबाइल, सिम कार्ड समेत कई प्रतिबंधित सामान उपलब्ध कराने का आरोप है. गुरुग्राम पुलिस आयुक्त के.के. राव के निर्देश पर क्राइम ब्रांच ने जेल उप-अधीक्षक धरमवीर चौटाला के घर पर छापा मारकर 4जी सिमकार्ड वाले 11 मोबाइल फोन, 230 ग्राम चरस जब्त किए. सब इंस्पेक्टर संदीप मलिक की अगुवाई में क्राइम ब्रांच की टीम ने चौटाला के सहयोगी रवि उर्फ गोल्डी को भी गिरफ्तार कर लिया, जो कि गुरुग्राम के वजीराबाद का निवासी है.
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एसीपी क्राइम ब्रांच प्रीत पाल सिंह सांगवान ने कहा, 'प्रारंभिक पूछताछ के दौरान चौटाला ने बताया है कि वह फोन और सिमकार्ड उपलब्ध कराने के लिए कैदियों से 20 हजार रुपये लेता था. छापेमारी दोपहर 3 बजे की गई और अब उससे पूछताछ की जा रही है कि कितने कैदी उसके संपर्क में हैं.'
बता दें कि गुरुग्राम की इस जिला जेल में कई गैंगस्टर जिनमें कुख्यात कौशल और उसके आदमी, मारे गए गैंगस्टर संदीप गाडोली और बिंदर गुर्जर के गिरोह के सदस्य, दिल्ली पुलिस के एसीपी राजवीर सिंह का हत्यारा विजय भारद्वाज समेत हरियाणा, राजस्थान, दिल्ली और पश्चिमी उप्र के कई शार्प शूटर हैं.
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सांगवान ने बताया, 'हमें अधिकारियों की मिलीभगत से जेल में चल रही अवैध गतिविधियों के बारे में इनपुट मिले थे. इसके बाद गुरुग्राम के पुलिस कमिश्नर के आदेश पर खुफिया नजर रखकर कैदियों के सेल फोन और अन्य प्रतिबंधित सामान का उपयोग करने का पता लगाया. जाहिर है शहर में गिरोह चलाने और अपराध करने के लिए मोबाइल फोन का इस्तेमाल किए जाने की प्रबल संभावना है. खुफिया अधिकारी जेल में कर्मचारियों और आगंतुकों के साथ-साथ उनके घर पर भी नजर रख रहे हैं.'
उन्होंने आगे कहा, 'चूंकि रवि उर्फ गोल्डी अक्सर जेल और चौटाला के घर पर आता-जाता रहता था, लिहाजा वह भी खुफिया अधिकारियों के रडार पर था.' सांगवान ने कहा कि पहले भी चौटाला को भ्रष्टाचार और अवैध गतिविधियों के आरोपों के लिए उनकी सेवा से बर्खास्त कर दिया गया था. जांच में यह भी पता लगाया जाएगा कि उसने दोबारा नौकरी कैसे जॉइन की.