Kanjhawala Case: कंझावला कांड को लेकर अब फॉरेंसिक टीम तथ्यों को खंगालने में लगी है. गांधी नगर गुजरात से आई नेशल फॉरेंसिक साइंस यूनिवर्सिटी की टीम सुल्तानपुरी पुलिस स्टेशन पहुंची. यहां पर घटना वाली रात को रिक्रिएट किया गया. लाश की डमी बनाकर कार से हुए कृत्य पर सभी पहलुओं की जांच की गई. फॉरेंसिक सबूतों के आधार पर तथ्य एकत्र किए जा रहे हैं. इस टीम में पांच फॉरेंसिक विशेषज्ञ शामिल हैं. नेशनल फॉरेंसिक साइंस यूनिवर्सिटी से यह लोग डीसीपी आउटर की गुजारिश पर आए हैं. ये बातें पुलिस की प्रवक्ता सुमन नलवा ने बताई है. गौरतलब है कि देश दहला देने वाले कंझावला कांड 31 दिसंबर और एक जनवरी की रात को हुआ था. उस रात को कार में चार लोग थे. कार स्कूटी से टकराई. स्कूटी पर पीड़िता के साथ उसकी सहेली भी थी.
जांच में सामने आया है कि जब कार स्कूटी से टकराई तो युवती जमीन पर गिरने के साथ अगले पहिए में फंसकर 13 किलोमीटर तक घसिटती गई. कई प्रत्यक्षर्शियों ने बताया कि कार में चार लोग सवार थे. कार में तेज म्यूजिक बज रहा था. उन्होंने पुलिस को इस बारे में सूचना दी थी. मगर पुलिस ने तत्काल कोई कार्रवाई नहीं की. स्कूटी में साथ बैठी उसकी सहेली सकुशल बच गई.
पुलिस ने शुरुआत में इस मामले में पांच आरोपियों को गिरफ्तार किया था. बाद में इस मामले में दो अन्य को भी दबोचा गया. जिन पांच लोगों को आरंभ में पकड़ा गया, उनके नाम दीपक खन्ना, अमित खन्ना, किषन, मिथुन और मनोज मित्तल हैं. इस मामले में पुलिस ने आशुतोष और अंकुश खन्ना को भी गिरफ्तार किया. पहले यह मामला ड्रंक एंड ड्राइव का था. मगर इस घटना के साथ कई लोगों के जुड़े होने के कारण मामला उलझ गया है. ऐसे कई सवाल हैं, जिनके उत्तर अभी तक मिले नहीं हैं. घटना के बाद पड़िता की सहेली ने पुलिस में शिकायत नहीं की थी. वहीं मां का कहना है कि घटना के बाद पीड़िता के शरीर पर कोई कपड़े न होना यह दर्शाता है कि उसके साथ कुछ गलत हुआ है.
Source : News Nation Bureau