कानपुर में 3 जून को नई सड़क हिंसा मामले में आरोपी अकील खिचड़ी ने पुलिस को चकमा देकर कोर्ट में सरेंडर कर दिया है. लेकिन 24 घंटे तक कमिश्नरेट पुलिस को भनक तक नहीं लगी. कोर्ट ने उसे न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया है. हिंसा के आरोपित अकील खिचड़ी की गिरफ्तारी के लिए एसआईटी, क्राइम ब्रांच, बेकनगंज पुलिस, कर्नलगंज पुलिस समेत अन्य एजेंसियां जुटी थीं. गिरफ्तारी के लिए दबिश भी दी जा रही थी.अकील के खिलाफ गैर जमानती वारंट भी जारी किया था. पुलिस सूत्रों के मुताबिक, अकील ने दाढ़ी बढ़ा रखी थी.
काला चश्मा और चेहरे पर नकाब पहने था. उसे पहचान पाना बहुत मुश्किल था. वह कचहरी में अकेले दाखिल हुआ, जबकि गुर्गे थोड़ी थोड़ी दूर पर फैले हुए थे. कोर्ट परिसर में वह आधा-पौन घंटे एक एडवोकेट के चैम्बर में बैठा रहा. वहां से कुछ लोगों के साथ एमएम 5 कोर्ट में सरेंडर कर दिया. आपको बता दें कि बेकनगंज के गम्मू खां हाता में रहने वाले अकील खिचड़ी को हिंसा मामले में नामजद किया था. उसके ऊपर आरोप था कि वह भीड़ लेकर पहुंचा था.
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व्हाट्सएप ग्रुप का स्क्रीन शॉट मिला
वहीं पुलिस को एक व्हाट्सएप ग्रुप का स्क्रीन शॉट मिला. उस ग्रुप में अकील का भी नम्बर था, जिससे ग्रुप कॉल पाकिस्तान, ईरान और ओमान में की गई थी. इसी ग्रुप पर शेख साहब और गुड्डे भाई का नाम भी आया, जिसमें मैसेज था कि गुड्डे भाई के फ्लैट के नीचे बम मिल जाएंगे. शेख साहब का हुकुम है कि कोई इस बार पीछे नहीं हटेगा. फिलहाल पुलिस अब अकील की कस्टडी रिमांड की तैयारी में है.
HIGHLIGHTS
- अकील के खिलाफ गैर जमानती वारंट भी जारी किया
- पुलिस अब अकील की कस्टडी रिमांड की तैयारी
- गिरफ्तारी के लिए दबिश भी दी जा रही