लखनऊ में कोरोना वायरस से मृत लोगों की फर्जी आईडी से बैंक से करोड़ों रुपये फर्जी तरीके से लोन लेने का मामला सामने आया है. विभूति खंड पुलिस ने गिरोह के दो लोगों को गिरफ्तार किया है. ये कोरोना वायरस से मरे लोगों की फर्जी आईडी के आधार पर बैंक से लोन लेते थे. डीसीपी प्राची सिंह के मुताबिक, गैंग का सरगना पहले इंश्योरेंस कंपनी में काम कर चुका है. डीसीपी प्राची सिंह ने बताया कि कानपुर रोड स्थित एचडीएफसी बैंक के मैनेजर ने विभूति खंड थाने में एफआईआर दर्ज कराई थी. FIR में कहा गया था कि एक शख्स ने फर्जी डॉक्यूमेंट के आधार पर बैंक से लोन अप्रूव कराया है. इसके बाद पुलिस ने 2 लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया, जिनमें से एक का नाम मृगांक सहाय तथा दूसरे का नाम अभिषेक भारती है.
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छानबीन के बाद रायबरेली के न्यू राना नगर निवासी मरगांक सहाय और दूरभाष नगर निवासी अभिषेक भारती को दबोच लिया गया. आरोपियों ने अब तक 23 से 24 बैंकों से लोन लिया है जो कि अप्रूव हो चुका है और जिसकी कीमत करोड़ों में है. कुछ दिन पहले आरोपियों ने एचडीएफसी बैंक में एक करोड़ रुपये लोन लेने के लिए आवेदन किया था. शक होने पर बैंक ने उनकी ओर से दिए गए आधार कार्ड पैन कार्ड और अन्य दस्तावेज की पड़ताल की तो सब फर्जी निकले.
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इसके बाद विभूति खंड पुलिस से शिकायत की गई. पड़ताल में सामने आया कि आरोपियों ने कोरोना वायरस से मृत लोगों के जाली आईडी पर अपने फोटो चस्पा कर दिए थे. पूछताछ में सरगना मृगांक ने बताया कि वह इंश्योरेंस एजेंट के तौर पर काम करता था. कोरोना वायरस से जिन लोगों की मौत हुई उनका डाटा उसके पास था. आरोपियों ने मृत लोगों के बैंक अकाउंट, सैलरी स्लिप, आधार कार्ड और पैन कार्ड का दुरुपयोग किया और फिर फर्जीवाड़े की योजना बनाई, लेकिन पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया है और पूछताछ जारी है.