इरफान खान की फिल्म 'हिंदी मीडियम' के तर्ज पर दिल्ली के एक बिजनेसमैन भी अपने बेटे का एडमिशन कराने के लिए गरीब बन गया। गौरव गोयल ने खुद को झुग्गी-झोपड़ी का निवासी दिखाकर अपने बेटे का एडमिशन नई दिल्ली के चाणक्यपुरी के संस्कृति स्कूल में करवा दिया।
गौरव गोयल नाम के शख्स ने अपना पता चाणक्यपुरी के पास संजय कैंप बताया जो कि एक स्लम है, जिससे वह अपने बेटे को आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के कोटा से एडमिशन दिला सके।
गौरव ने खुद को एमआरआई सेंटर में काम करने वाला बताते हुए अपनी वार्षिक आय 67 हजार रुपये बताई। इस प्रक्रिया में फर्जी वोटर कार्ड और बर्थ सर्टिफिकेट बनाकर अपने बेटे का साल 2013 में स्कूल में भर्ती कराया।
मीडिया रिपोर्ट्स की माने तो पांच साल तक इसकी योजना बनाई गई और वह इसमें कामयाब भी हुआ लेकिन हाल ही में जब उसने ईडब्ल्यूएस कोटा के माध्यम से एक बार फिर ऐसा करने की कोशिश की तो स्कूल प्रबंधन को शक हुआ।
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स्कूल प्रशासन ने बताया कि गौरव ने उनके दूसरे बेटे के लिए प्रवेश की मांग करते हुए, स्कूल के अधिकारियों से कहा कि उनके बड़े बेटे को सामान्य श्रेणी में स्थानांतरित किया जा सकता है क्योंकि उनकी आर्थिक स्थिति में कई साल से सुधार हुआ है। इसके बाद स्कूल प्रबंधन को उन पर शक हुआ तो पुलिस को इस बारे में सूचित किया गया।
Delhi: #Visuals of Gaurav Goel who faked poverty to admit his son under the economically weaker section (EWS) category at a prominent school in 2013. He was arrested by Delhi police yesterday after a complaint was registered by the school. pic.twitter.com/kyUghgVoVZ
— ANI (@ANI) April 8, 2018
छानबीन के दौरान पुलिस ने पाया कि गोयल असल में एक एमआरआई सेंटर का मालिक है जिसने 20 से ज्यादा देशों की यात्रा की है।
डीसीपी मधुर वर्मा ने कहा कि वह इस बात का पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं कि उस पूरे फर्जीवाड़े में किन लोगों ने गौरव की मदद की।
पुलिस ने बताया कि स्कूल को इन पर उस समय शक हुआ, जब उन्होंने स्कूल से कहा कि वह उनके बेटे को ईडब्ल्यूएस कैटेगिरी से जनरल कैटेगिरी में शिफ्ट कर सकते हैं, क्योंकि समय के साथ उनकी आय बेहतर हो गई है।
जब गौरव ने अपने स्थायी पते में सफदरगंज एन्क्लेव लिखा तो स्कूल का शक और पुख्ता हो गया। चाणक्यपुरी थाने में मामले की रिपोर्ट दर्ज कर ली गई है।
पुलिस ने एमसीडी, एफआरआरओ और इनकम टैक्स के रिकॉर्ड खंगाले तो पता चला कि गौरव को अपने बिजनस से मोटी कमाई हो रही है। पुलिस को शक है कि सरकारी विभाग के भी कुछ अधिकारी इसमें शामिल हो सकते हैं, ऐसे में कई सरकारी कर्मचारी भी जांच के दायरे में हैं।
बता दें के राइट टू एजुकेशन (RTE) के तहत प्राइवेट स्कूलों में आर्थिक रूप से कमजोर बच्चों के लिए 25 प्रतिशत सीटें आरक्षित रखने का प्रावधान है। गोयल ने अपने बेटे का एडमिशन 2013 में इसी कोटे से करवाया था।
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Source : News Nation Bureau