कानपुर के कारोबारी मनीष गुप्ता की हत्या मामले में शामिल उत्तर प्रदेश के सभी छह आरोपियों को शनिवार को नई दिल्ली की विशेष सीबीआई अदालत में पेश किया जाएगा. आरोपियों को उत्तर प्रदेश से स्थानांतरित कर तीन दिन पहले तिहाड़ जेल में बंद कर दिया गया था. केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने सात जनवरी को मनीष गुप्ता की हत्या के मामले में छह आरोपी पुलिसकर्मियोंके खिलाफ सितंबर 2021 में एक होटल में आरोप पत्र दायर किया था.
आरोप पत्र पूर्व एसएचओ या इंस्पेक्टर, तीन पूर्व सब-इंस्पेक्टर, एक हेड कांस्टेबल और एक कांस्टेबल सहित छह लोगों के खिलाफ धारा 302, 323, 325, 506, 218, 201, 34, 120-बी और 149 लगाई गई थी. चार्जशीट में आरोप लगाया गया है कि 27 सितंबर को रामगढ़ ताल निरीक्षक जे. सिंह, फलमंडी पुलिस चौकी के प्रभारी उप निरीक्षक अक्षय मिश्रा, विजय यादव और तीन अन्य पुलिसकर्मी कथित रूप से होटल के कमरे में घुस गए थे, जहां व्यवसायी अपने दोस्तों के साथ थे.
इसके बाद पुलिसकर्मियों ने उन्हें एक तर्क के बाद पीट दिया था, जिसके दौरान मनीष गुप्ता की मौत हो गई. प्राथमिकी में नामजद सभी छह पुलिसकर्मी फिलहाल जेल में हैं. सीबीआई ने यूपी सरकार के अनुरोध पर 2 नवंबर 2021 को मामला दर्ज किया और 29 नवंबर 2021 को जांच अपने हाथ में ले ली. पांच जनवरी को सूत्रों से पता चला कि जांच में पुलिसकर्मियों द्वारा 'शक्ति के अत्यधिक इस्तेमाल' के सबूत मिले हैं.
जांच की जानकारी रखने वाले एक सीबीआई अधिकारी ने कहा कि फोरेंसिक विशेषज्ञों द्वारा घटनाओं के क्रम की जांच की गई, जबकि सभी आरोपी पुलिसकर्मियों के कॉल डिटेल रिकॉर्ड की भी जांच की गई ताकि यह पता चल सके कि उनका पीड़ित के साथ कोई पूर्व संबंध था या नहीं, लेकिन ऐसा कोई लिंक नहीं मिला. सीबीआई की टीम गुप्ता के दोस्तों, प्रदीप चौहान और हरदीप चौहान को भी होटल ले गई और घटना के दिन कमरे के अंदर वास्तव में क्या हुआ था, यह जानने के लिए उनके बयानों से मेल खाने के लिए अपराध स्थल को फिर से बनाया.
HIGHLIGHTS
- कानपुर के व्यवसायी की हत्या ने दहा दिया था उत्तर प्रदेश को
- खाकी पहने गुंडों ने अवैध वसूली के लिए ले ली थी जान