महाराष्ट्र सरकार में मंत्री और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी ( NCP ) के नेता नवाब मलिक के खिलाफ मनी लांड्रिंग के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने जल्द सुनवाई की मांग को मान लिया है. सुप्रीम कोर्ट में वकील कपिल सिब्बल ने नवाब मलिक की ओर से जल्द सुनवाई की मांग की थी. उन्होंने प्रवर्तन निदेशालय (ED) की ओर से मनी लॉन्ड्रिंग मामले में चल रही जांच के बीच में नवाब मालिक की तत्काल रिहाई की मांग की है. इससे पहले मालिक ने मुंबई हाई कोर्ट में अपने ऊपर केस रद्द करने की अपील की थी. हालांकि हाईकोर्ट के 15 मार्च 2022 के फैसले से उन्हें कोई राहत नहीं मिल सकी.
इसके बाद नवाब मलिक ने हाईकोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है. मलिक ने याचिका दायर कर अपील की है कि उन पर लगे केस को रद्द किया जाए. अपनी याचिका में मलिक ने दावा किया कि उनकी गिरफ्तारी अवैध है. इसके अलावा उनके मौलिक अधिकारों के साथ-साथ वैधानिक प्रावधानों का उल्लंघन भी है. साथ ही वह बंदी प्रत्यक्षीकरण के रिट के हकदार हैं.
नवाब मलिक पर क्या है आरोप
ED ने आरोप लगाया है कि मुंबई के कुर्ला में मुनीरा प्लंबर की मौजूदा बाजार मूल्य के अनुसार 300 करोड़ रुपये की प्रमुख संपत्ति मलिक ने सॉलिडस इन्वेस्टमेंट्स प्राइवेट लिमिटेड के माध्यम से हड़प ली, जो उनके परिवार के सदस्यों के स्वामित्व वाली कंपनी है. ED ने दावा किया है कि दाऊद इब्राहिम की बहन हसीना पारकर, उसके अंगरक्षक सलीम पटेल और 1993 बम धमाकों के दोषी सरदार शाह वली खान की मिलीभगत से ऐसा किया गया. इस पूरे ट्रांजैक्शन में मनी लॉन्ड्रिंग का आरोप है. ED ने दाऊद के खिलाफ मामले की जांच के चलते मालिक पर शिकंजा कसा है.
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HIGHLIGHTS
- नवाब मलिक के खिलाफ मनी लांड्रिंग के मामले में SC जल्द सुनवाई करेगा
- सुप्रीम कोर्ट में वकील कपिल सिब्बल ने जल्द सुनवाई की मांग की थी
- अपनी याचिका में मलिक ने दावा किया कि उनकी गिरफ्तारी अवैध है