गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई ( Gangster Lawrence Bishnoi ) के संगठित टेरर-क्राइम सिंडिकेट के खिलाफ जांच एजेंसियों की कार्रवाई की जारी है. इस क्रम में आज यानी शनिवार को राष्ट्रीय जांच एजेंसी एनआईए ने बिश्नोई के ड्रग तस्करी के मकड़जाल के खात्मे के लिए बड़ा कदम उठाया है. एनआईए ने लॉरेंस बिश्नोई सिंडिकेट के मेंबर्स की चार संपत्तियों को अटैच कर लिया है. इन संपत्तियों में से एक चल और तीन अचल हैं. जानकारी के अनुसार एनआईए ने Unlawful Activities (Prevention) Act (गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम) के तहत हरियाणा, पंजाब और यूपी में समन्वित छापेमारी में प्रोपर्टी कुर्क कीं. एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार जांच एजेंसी ने हथियार जब्ती मामले में केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर में एक घर भी कुर्क किया है.
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NIA की तरफ से बताया गया कि अटैच और कुर्क की गई सभी संपत्तियां आतंकवाद की आय से प्राप्त हैं. इनका इस्तेमाल आतंकी साजिश रचने और गंभीर श्रेणी के अपराधों को अंजाम देने के लिए किया जाता है. कुर्क की गई संपंत्तियों में लखनऊ गोमती नगर एक्सटेंशन में सुलभ आवास योजना के आश्रय-1 का फ्लैट संख्या 77/4 ( आतंकी गैंग आश्रयदाता विकास सिंह से संबंधित ) और कुर्क की गई संपत्तियों में पंजाब के फाजिल्का स्थित गांव बिशनपुरा ( आरोपी दलीप कुमार के स्वामित्व वाली ) और हरियाणा के यमुनानगर से एक फॉर्च्यूनर कार ( जोगिंदर सिंह के नाम से रजिस्टर्ड ) है.
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जांच एजेंसी ने बताया कि विकास सिंह नाम का आरोपी गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई का सहयोगी है. विकास सिंह ने ही पंजाब पुलिस हेडक्वार्टर पर रॉकेट प्रोपेल्ड ग्रेनेड हमले में शामिल आरोपियों समेत आतंकवादियों को आश्रय दिया था. जबकि जोगिंदर सिंह लॉरेंस के करीबी काला राणा का पिता है. आरोप है कि जोगिंदर सिंह अपनी गाड़ी का इस्तेमाल आतंकी कृत्यों के लिए गोला बारूद लाने ले जाने का काम करता था.
Source : News Nation Bureau