एक और निर्भया के इंसाफ के इंतजार पर सुप्रीम फैसला गुरुवार को आ सकता है. मामला 10 साल पहले दिल्ली के छावला में एक 19 साल की युवती को सरेराह किडनैप करके रेप और दरिंदगी से मर्डर करने का है, जिसमें तीन आरोपियों को जिला अदालत और हाईकोर्ट मृत्युदंड की सजा सुना चुकी है और उनकी अपील पर सुप्रीम कोर्ट फैसला दे सकती है. यह वहशियाना वारदात साल 2012 की है. जब पीड़िता दफ्तर से लौट रही थी और अपराधियों ने उसे अगवा कर वारदात को अंजाम दिया. उसका क्षत-विक्षत शव बरामद हुआ था, इस मामले में दरिंदगी की इंतहा यह थी कि अभियुक्तों ने उसके साथ रेप के बाद पहचान मिटाने के लिए पीड़िता की आंखों में तेजाब तक डाल दिया था. उसकी जान लेने के लिए कार टूल्स से हमला किया था.
जस्टिस उदय उमेश ललित, जस्टिस रवींद्र भट और जस्टिस बेला एम त्रिवेदी ने बीती 29 मार्च को इस मामले में अपना फैसला सुरक्षित रख अगली सुनवाई के लिए 7 अप्रैल की तारीख तय की थी. जिला अदालत ने फरवरी 2014 में इस मामले में तीन मुख्य अभियुक्त रवि कुमार, राहुल और विनोद को युवती के अपहरण, दुष्कर्म, वीभत्स हत्या मामले में दोषी ठहराते हुए मौत की सजा सुनाई थी. दिल्ली हाई कोर्ट ने भी 26 अगस्त, 2014 को उन्हें दोषी पाया और सजा को बरकरार रखा. तीनों अभियुक्तों ने दिल्ली हाईकोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी.
यह खौफनाक वारदात 9 फरवरी 2012 की है. कार में सवार तीन लोगों ने कुतुब विहार इलाके में युवती को उसके घर के पास से अपहरण कर लिया था. उस समय वह दफ्तर से घर लौट रही थी. इस जघन्य वारदात को रवि कुमार ने अपने दो सहयोगियों के साथ अंजाम दिया था. जांच में सामने आया कि आरोपी रवि कुमार पीड़िता का पीछा किया करता था और उससे प्रेम इजहार करता था और इंकार करने पर उसने इस घिनौनी विभक्त वारदात को अंजाम दिया.
युवती का शव मिलने के बाद बाहरी दिल्ली के छावला पुलिस स्टेशन में केस दर्ज किया गया था. पुलिस जांच के अनुसार, अभियुक्तों ने पहले युवती को अपहरण किया, फिर उसके साथ रेप कर बर्बरतापूर्वक हत्या कर शव को हरियाणा के रेवाड़ी जिले के एक गांव में एक खेत में डाल दिया था.
Source : Avneesh Chaudhary