निठारी हत्याकांड (Nithari Murder Case) के दोषी सुरेंद्र कोली को गाजियाबाद की विशेष सीबीआई कोर्ट ने फांसी की सजा सुनाई है. कोली को आईपीसी 364 के तहत आजीवन कारावास और आईपीसी 302 के तहत मौत की सजा सुनाई है. अदालत ने मनिंदर सिंह पंढेर को अनैतिक व्यापार (रोकथाम) अधिनियम की धारा 5 के तहत 7 साल कैद की सजा सुनाई गई है. गौरतलब है कि वर्ष साल 2017 में गाजियाबाद की विशेष सीबीआई अदालत ने सुरेंद्र कोली और पंढेर को पिंकी सरकार के मर्डर के मामले में फांसी की सजा सुनाई थी. इससे पहले गाजियाबाद की विशेष कोर्ट ने निठारी हत्याकांड से जुड़े मामले में कारोबारी मोनिंदर सिंह पंढेर और उनके नौकर सुरेंद्र कोली को दोषी माना था. सुरेंद्र कोली और मोनिंदर पंढेर को फांसी की सजा दी गई थी. ये मामला पिंकी सरकार की हत्या को लेकर हुआ था. पंढेर और कोली को इस मामले में अपहरण, बलात्कार और हत्या का दोषी पाया गया था.
क्या है मामला
निठारी केस 2006 में सामने आया था. यह खुलासा तब हुआ था, जब उस समय देशभर में क्रूर हत्याओं की चर्चा शुरू हुई थी. नोएडा के निठारी गांव की कोठी नंबर डी-5 से जब नरकंकाल मिलने शुरू हुए, तो पूरे देश में सनसनी फैल गई थी. जांच के दौरान मानव हड्डियों के हिस्से और 40 ऐसे पैकेट सामने मिले थे, जिनमें मानव अंगों को भरकर नाले में फेंका गया था.
कौन है सुरेंद्र कोली
सुरेंद्र कोली उत्तराखंड का रहने वाला है. मोनिंदर सिंह पंढेर के घर पर काम करता था. 2004 में जब पंढेर का परिवार जब पंजाब गया था तो पंढेर और कोली ही घर में रहते थे. इस दौरान बंगले में उन्होंने कई हत्याओं को अंजाम दिया. कई दुष्कर्म के मामले भी सामने आए.
HIGHLIGHTS
- सुरेंद्र कोली को गाजियाबाद की विशेष सीबीआई कोर्ट ने फांसी की सजा सुनाई है
- मनिंदर सिंह पंढेर को अधिनियम की धारा 5 के तहत 7 साल कैद की सजा सुनाई गई है