प्रवर्तन निदेशालय ( ED ) ने मंगलवार को पनवेल बैंक धोखाधड़ी केस (Panvel bank fraud case) में पूर्व विधायक विवेकानंद शंकर पाटील (former MLA Vivekanand Shankar Patil) को गिरफ्तार किया है. विधायक पर करनाला नगरी सहकारी बैंक में 512 करोड़ रुपये की बैंक धोखाधड़ी का आरोप है. पाटिल पनवेल स्थित बैंक के पूर्व अध्यक्ष हैं. ईडी ने आरोप लगाया है कि पाटिल ने कथित तौर पर फर्जी खाते बनाए और करीब 500 करोड़ रुपये की हेराफेरी की. सूत्रों के अनुसार यह पैसा नवी मुंबई में करनाला स्पोर्ट्स अकादमी के निर्माण के लिए लगाया गया था। बुधवार को पाटिल को रिमांड के लिए कोर्ट में पेश किया गया. केस में विधायक विवेकानंद शंकर पाटिल को मुख्य आरोपी बनाया गया है.
आरबीआई के एक ऑडिट ऑडिट में खुलासा हुआ
पाटिल के खिलाफ ईडी का मनी लॉन्ड्रिंग मामला पिछले साल नवी मुंबई पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) द्वारा दर्ज एक प्राथमिकी पर आधारित है। पुलिस ने इस संबंध में धोखाधड़ी, जालसाजी और आपराधिक विश्वासघात के लिए पाटिल सहित 76 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया है। पाटिल के अलावा इस केस में बैंक के उपाध्यक्ष, निदेशक और मुख्य कार्यकारी अधिकारी को भी नामित किया गया है. बैंक की 17 शाखाओं पर आरबीआई के एक ऑडिट ऑडिट में खुलासा हुआ कि बैंक के अधिकारियों ने बिना किसी कागजी कार्रवाई के कई लोन अकाउंट खोले और इनकी धनराशि को अलग-अलग खातों में ट्रांसफर कर दिया गया। हैरान करने वाली बात यह है कि बैंक के अफसरों ने बिना किसी कागजी प्रूफ के लोन अकाउंट में 8 करोड़ रुपए की राशि ट्रांसफर करा दी।
जून 2020 में, RBI ने करनाला नगरी सहकारी बैंक के सभी खातों में प्रति जमाकर्ता 500 रुपये की निकासी को प्रतिबंधित कर दिया था। आरबीआई ने यह भी कहा था कि बिना उसकी मंजूरी के बैंक ऋण और अग्रिम नहीं दे सकता, कोई निवेश नहीं कर सकता और किसी भी दायित्व को वहन नहीं कर सकता.
HIGHLIGHTS
- प्रवर्तन निदेशालय ( ED ) ने मंगलवार को की बड़ी कार्रवाई
- Panvel bank fraud case में Ex MLA विवेकानंद शंकर पाटील गिरफ्तार
- फर्जी खाते मामले में करीब 500 करोड़ रुपये की हेराफेरी की का आरोप