समाज की नजरों में उसने अग्नि को साक्षी मानकर जिंदगी भर पति का साथ निभाने का वायदा तो कर लिया था, लेकिन ऐसा करते वक्त वह भूल गई थी कि जब वह पहले वाले की ही सगी नहीं हुई, तो फिर वह दूसरे की भी भला सगी कैसे हो जाएगी! उसकी एक इसी छोटी-सी गलती ने दो खानदानों को बर्बाद कर दिया. इतना ही नहीं, उसके खुद के माथे पर भी एक उम्र के लिए हत्यारिन 'पतिहंता' का कलंक भी लग गया. क्योंकि पुलिस इस बार भी कातिल से काबिल निकली, और खोद लाई सैकड़ों मील दूर कई फुट गहरी कब्र में दफन मौत के राज को, पूरे 9 साल बाद.
यह जानकारी दिल्ली पुलिस अपराध शाखा के उपायुक्त जॉय टिर्की ने सोमवार को मीडिया को दी. उन्होंने मीडिया को बताया, "दरअसल, इस पूरी कहानी की फिल्म-सी दिखाई पड़ने वाली पटकथा, प्यार-अविश्वास और धोखे पर आधारित असली कहानी है. रूह कंपा देने वाली इस पटकथा के प्रमुख पांच किरदार निकल कर सामने आए. पहला रवि कुमार, जो अब इस दुनिया में नहीं है. रवि कुमार दिल्ली के समालखा का रहने वाला था. दूसरा जय भगवान यानी रवि का पिता. तीसरी महिला पात्र शकुंतला, चौथा पात्र कमल सिंगला और पांचवां व अंतिम पात्र गणेश कुमार."
डीसीपी जॉय टिर्की के अनुसार, "22 मार्च, 2011 को यानी अब से करीब नौ साल पहले एक दिन जय भगवान का 22 साल का पुत्र रवि कुमार पत्नी शकुंतला के साथ घर से निकल जाता है. समालखा में ही रहने वाले अपने साढ़ू (शकुंतला की बहन का पति) से मिलने. घर वापस अकेली शकुंतला लौटती है. वह बताती है कि उसका पति रवि कुमार पांच मिनट में किसी से मिलकर लौट आने की बात कहकर घर से बाहर गया था. तब से जब काफी इंतजार के बाद भी नहीं लौटा तो वह वापस ससुराल (पति रवि कुमार के घर) चली आई."
अगले दिन 23 मार्च, 2011 को जय भगवान बेटे रवि के गायब हो जाने का शिकायत दर्ज करवा देते हैं. उसके बाद जय भगवान कुछ वक्त इंतजार करके बेटे के अपहरण का मामला एफआईआर नंबर 64/11 दिनांक 16 अप्रैल, 2011 को थाना कापसहेड़ा में दर्ज करवा देते हैं. अक्टूबर 2011 में मामले की जांच जिला पुलिस से छीनकर क्राइम ब्रांच को दे दी जाती है. अपराध शाखा ने जब फाइलें खंगाली तो शुरू से ही उसकी नजर में शकुंतला करकने लगी. अपराध शाखा की नजर में शकुंतला का भाई राजू, राजू का दोस्त कमल सिंगला (कमल सिंगला शकुंतला का बॉयफ्रेंड भी था) भी चढ़ा हुआ था.
डीसीपी टिर्की के मुताबिक, "रवि कुमार का शव बरामद नहीं हुआ था. संदिग्ध तमाम कोशिशों के बाद भी अपराध कबूलने को राजी नहीं थे. लिहाजा संदिग्धों पर नजर रखने के लिए सहायक पुलिस आयुक्त (एसीपी) सुरेंद्र कुमार गुलिया के नेतृत्व में इंस्पेक्टर अमलेश्वर राय, सब इंस्पेक्टर करमवीर सिंह, एएसआई जयवीर सिंह, नरेश कुमार और सिपाही हरेंद्र की टीम बना दी गई." डीसीपी ने बताया कि कानूनी तौर-तरीकों का ख्याल रखते हुए 2017 में राजू और उसके दोस्त कमल सिंगला (शकुंतला के बॉयफ्रेंड) का गुजरात स्थित प्रयोगशाला में ब्रेन-मैपिंग टेस्ट कराया. ब्रेन-मैपिंग टेस्ट की रिपोर्ट चौंकाने वाली थी.
ब्रेन मैपिंग रिपोर्ट से खुलासा हुआ कि अलवर में पड़ोस में रहने वाली शकुंतला को, कमल सिंगला ने ही कहा था कि वह रवि कुमार से शादी करने बाद भी शारीरिक संबंध उससे न बनाए. कमल ने ही शुकंतला को उसके पति रवि के साथ, कमलेश (शकुंतला की बहन) के घर भेजा था. ताकि रवि का अपहरण आसानी से हो जाए और किसी को भी शकुंतला पर शक न हो. मौका मिलने पर रवि को उसके साढ़ू के घर में कमल सिंगला ने नशीली चाय पिला दी. जब रवि पूरी तरह बेसुध हो गया तब उसका गला कमल सिंगला ने दबा दिया. रवि की लाश को राजस्थान के अलवर में ले जाकर साढ़े पांच फुट गहरी कब्र में दफना दिया गया था. जहां लाश दफनाई गई, वहीं बराबर में मुख्य हत्यारोपी कमल सिंगला की दुकान है.
डीसीपी टिर्की के अनुसार, जांच में सबसे काम की चीज पुलिस को तब मिली जब, ब्रेन मैपिंग के बाद से ही शकुंतला और कमल सिंगला गायब हो गए. 27 सिंतबर, 2019 को मुखबिर से मिली जानकारी के आधार पर कमल, शालीमार कॉलोनी, अलवर, राजस्थान से पकड़ा गया. तीन अक्टूबर को क्राइम ब्रांच ने कमल सिंगला के चालक गणेश को भी समस्तीपुर बिहार से पकड़ लिया. पांच अक्टूबर को कमल सिंगला और गणेश ने दिल्ली से सैकड़ों मील दूर अलवर में कब्र में नौ साल से दफन रवि कुमार की लाश बरामद करा दी. एसडीएम की मौजूदगी में पुलिस ने जब कब्र खुदवाई तो वहां लाश के नाम पर 25 हड्डियां बरामद हुईं. कब्र खोदने की दिल्ली पुलिस क्राइम ब्रांच ने वीडियो भी बनवाई है. कमल सिंगला के अलवर स्थित मकान के पास ही शादी से पहले शकुंतला रहती थी. तभी से दोनों में अवैध संबंध थे.
Source : न्यूज स्टेट ब्यूरो