मानेसर में एक पॉलीथिन बैग, जो महिला के जले हुए धड़ के साथ पाया गया था, ने ही अंततः पुलिस को मामला सुलझाने में मदद की. पुलिस जांच के दौरान हर एंगल पर काम कर रही थी. ऐसे में जब उन्होंने पॉलीथिन बैग पर निर्माता का नाम देखा, तो विशाखापत्तनम स्थित कंपनी से संपर्क किया. कंपनी का नाम पुलिस को पॉलीथिन बैग पर छपा मिला था. कंपनी ने पुलिस को बताया कि वह ऐसे पॉलीथिन बैग केवल भारतीय नौसेना को ही आपूर्ति करती है. इस जानकारी के साथ गुड़गांव पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज की छानबीन की, जिसमें जितेंद्र शर्मा पर शक गया. जितेंद्र शर्मा क सेवानिवृत्त सैनिक थे, जिसने पिछले साल तक नौसेना में रसोइये के रूप में काम किया था. इसके बाद पुलिस ने शर्मा को गिरफ्तार कर लिया. पूछताछ में जितेंद्र ने 21 अप्रैल को अपनी पत्नी सोनिया का गला घोंटने की बात कबूल की. फिर बताया कि उसने कसाई के इस्तेमाल में चाकू से महिला के शरीर के टुकड़े कर शहर के विभिन्न हिस्सों में फेंके. गौरतलब है कि महिला का जला धड़ खेरकी दौला और सिर केएमपी एक्सप्रेसवे के पास एक तालाब में पाया गया था.
उसने पत्नी को जान से मारने की योजना इसलिए बनाई क्योंकि उसके झारखंड की एक महिला से संबंध थे. इसके बारे में सोनिया को भी हाल ही में पता चल गया था. दंपति की एक 8 साल की बेटी भी है. बताते हैं कि 21 अप्रैल को कुकरोला गांव के एक निवासी ने पुलिस से संपर्क किया था, जिसके बाद मानेसर में पचगांव चौक के पास 8 एकड़ जमीन पर बने एक खाली कमरे के अंदर आधा जला हुआ धड़ पाया था. उसके पड़ोसियों ने कमरे से धुंआ उठता देख उसे सूचना दी थी, जिसके बाद उसने पुलिस से संपर्क किया. पुलिस टीम को कमरे की तलाशी के दौरान निर्माता के नाम के साथ एक पॉलीथीन बैग मिला. पूछताछ पर विशाखापत्तनम स्थित कंपनी ने पुलिस को बताया कि वे केवल भारतीय नौसेना को उस प्रकार के पॉलीथीन बैग की आपूर्ति करते हैं.
किसी ऐसे ही सुराग की पुलिस को जरूरत भी थी. इसके बाद पुलिस ने हाल के हफ्तों में दर्ज की गई गुमशुदगी की सभी शिकायतों की पड़ताल शुरू कर दी. इस क्रम में उन्हें 21 अप्रैल को सोनिया के लापता होने के बारे में जितेंद्र शर्मा द्वारा मानेसर पुलिस स्टेशन में दायर शिकायत मिली. जांचकर्ताओं ने यह भी पाया कि शर्मा ने 2022 तक नौसेना में रसोइए के रूप में काम किया था. फिर एक सीसीटीवी वीडियो फुटेज जितेंद्र मानेसर में एक बाइक पर एक ट्रॉली बैग और एक बैकपैक ले जाते हुए और बाद में एक खाली बैग के साथ लौटते हुए देखा गया था. पुलिस को यह भी पता चला कि उस घर से कभी सोनिया को उनके घर से बाहर निकलते या कहीं जाते नहीं देखा. इसके बाद जितेंद्र को 26 अप्रैल को हिरासत में लिया गया, जहां पुलिस पूछताछ में उसने सोनिया की हत्या करने की बात कबूल कर ली.
पुलिस की सख्ती से की गई पूछताछ में अंततः जितेंद्र टूट गया. उसने बताया उसका झारखंड की एक महिला के साथ प्रेम संबंध था. सोनिया को इस बात का पता चल गया था और दोनों में इस मसले पर झगड़ा होता था. जितेंद्र ने दो हफ्ते पहले ही सोनिया को मारने का फैसला कर लिया था. जितेंद्र ने पूरा जुल्म स्वीकार कर लिया और कहीं से भी नहीं लगा कि उसे इसका कोई पछतावा भी है. हत्या के बाद वह 21 अप्रैल को धड़ को खेत के खाली कमरे में ले गया और दो बोतल डियोड्रेंट से जला दिया. कुछ राहगीरों ने कुत्तों को पैर ले जाने के देखे जाने के बाद खेरकी दौला से अंग बरामद किए गए. फिर पूछताछ में जितेंद्र ने बताया कि उसने केएमपी एक्सप्रेसवे के पास एक तालाब में पीड़ित का सिर फेंक दिया था. जितेंद्र पर आईपीसी की धारा 302 (हत्या) और 201 (अपराध के सबूत मिटाने) के तहत मामला दर्ज किया गया है.
HIGHLIGHTS
- मानेसर में पुलिस ने महिला की हत्या की गुत्थी सुलझाई
- पति ने प्रेम प्रसंग के चलते महिला को मार जला दिया था धड़
- घटनास्थल से मिले पॉलीथिन बैग से पुलिस हत्यारे तक पहुंची