राजस्थान के एससी/एसटी मामलों की विशेष अदालत ने मंगलवार को थानागाजी सामूहिक दुष्कर्म मामले में 4 आरोपियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है और दुष्कर्म का वीडियो वायरल करने वाले पांचवें आरोपी को 5 साल के सश्रम कारावास की सजा दी है. न्यायाधीश बृजेश कुमार ने मामले में सभी 5 आरोपियों को दोषी ठहराया और कहा कि यह सामूहिक दुष्कर्म का मामला द्रौपदी के चीरहरण जैसा था.
यह सजा अनुसूचित जाति और जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम के तहत ऐसे मामलों की सुनवाई के लिए बनी एक विशेष अदालत ने सुनाई है. राजस्थान में थानागाजी दुष्कर्म का मामला 26 अप्रैल, 2019 का है, जिसने पूरे देश का ध्यान खींचा था. इस घटना में अपराधियों ने महिला के पति के सामने उसके साथ दुष्कर्म किया, इस वारदात को फिल्माया गया और फिर इस वीडियो को वायरल कर दिया.
अपराध के 6 दिन बाद जब वीडियो वायरल हो गया, तब 2 मई को यह मामला दर्ज किया गया था. इससे पहले जब दंपति प्राथमिकी दर्ज कराने गए तो कथित तौर पर लोकसभा चुनाव के कारण पुलिस के व्यस्त कार्यक्रम का हवाला देते हुए उन्हें वापस भेज दिया गया था. लोकसभा चुनाव प्रचार के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बहुजन समाज पार्टी की प्रमुख मायावती द्वारा मामला उठाए जाने पर राजस्थान सरकार को मामले में अपनी सफाई देनी पड़ी थी. कांग्रेस नेता राहुल गांधी थानागाजी जाकर दुष्कर्म पीड़िता के परिवार से मिले थे.
आजीवन कारावास की सजा पाने वाले दोषी - इंद्रज, अशोक, छोटेलाल और हंसराज हैं. अदालत ने उन पर 1 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया है. वहीं पांचवां आरोपी मुकेश है, जिसने वीडियो को वायरल किया था. उसे 5 साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई गई है. दोषियों ने सामूहिक दुष्कर्म का वीडियो सोशल मीडिया पर नहीं डालने के लिए पीड़िता से 10 हजार रुपये भी मांगे थे.
Source : News Nation Bureau