एनडी तिवारी के बेटे रोहित शेखर तिवारी की हत्या की एफआईआर (FIR) की कॉपी सामने आ गई है. एफआईआर (FIR) के मुताबिक मैक्स अस्पताल की तरफ से पुलिस को जानकारी दी गई है कि मरीज रोहित शेखर तिवारी (उम्र 40 साल) जिन्हें इमरजेंसी में उनकी पत्नी अपूर्वा द्वारा एमएलसी नंबर 6249/19 पर भर्ती कराया गया था. उन्हें चेकअप के बाद डॉक्टर ने मृत घोषित कर दिया. कॉल के आधार पर एसआई राकेश और कांस्टेबल भूपेंद्र को अस्पताल रवाना किया गया था. मौके पर जाकर पता लगा कि रोहित शेखर तिवारी को जांच के बाद डॉक्टर मुरली मनोहर खत्री ने मृत घोषित कर दिया था. एमएलसी में लिखा गया था कि मरीज को राजीव (घर पर काम करते है और दूर के रिश्तेदार है) के द्वारा मकान नंबर C329 डिफेंस कॉलोनी से अस्पताल लाया गया था.
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FIR के मुताबिक 16 अप्रैल को 4 बजकर 41 मिनट पर एंबुलेंस की मांग की गई. मौके पर एंबुलेंस पहुचीं और पाया कि एक कार में बेहोश हालात में रोहित थे और सांस नहीं ले पा रहे थे. उन्हें एम्बुलेंस में लेकर अस्पताल आया गया. सीपीआर दिया गया लेकिन मरीज को न तो सांस आ रहा था न ही जिंदगी का कोई साइन दिख रहा था. रोहित को इमरजेंसी वार्ड में लाया गया. उस दौरान भी रोहित के शरीर में न कोई पल्स थी, न सांस आ रही थी. प्रोटोकॉल के हिसाब से दो ईसीजी की गई और उसके बाद रोहित को मृत घोषित कर दिया गया.
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इसके बाद पुलिस द्वारा एम्स की मोर्चरी में रोहित के शव को प्रिजर्व करवाया गया और सीनियर अफसर एसएचओ समेत रोहित के घर गए. मौके पर किसी ने भी कोई शक जाहिर नहीं किया. पुलिस ने सबके बयान लिए. उसके हिसाब से सीआरपीसी 174 अमल में लाई जा रही थी. 17 अप्रैल को एम्स के मेडिकल बोर्ड में शामिल डॉक्टर आदर्श, अभिषेक, पूजा और डॉक्टर हेमन्त ने पोस्टमोर्टम किया. 18 अप्रैल को पोस्टमोर्टम रिपोर्ट नंबर 488-19 सील बंद लिफाफे में पुलिस को दी गई जिसमे अप्राकृतिक मौत, 302 हत्या पाया गया और इसके हिसाब से आईपीसी की धारा 302 दर्ज की गई.
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Source : News Nation Bureau