जम्मू-कश्मीर के कठुआ में बंधक बनाकर 8 साल की मासूम के साथ गैंगरेप और हत्या के मामले में दो आरोपियों ने सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर कर अपील की थी कि इस केस की सुनवाई जम्मू-कश्मीर से बाहर न की जाए। सुप्रीम कोर्ट इस याचिका पर मंजूरी दे दी है।
सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में टिप्पणी करते हुए कहा, 'चिंता का विषय यह है कि कठुआ गैंगरेप मामले में निष्पक्ष ट्रायल होना चाहिेए।'
सुप्रीम कोर्ट ने इस दौरान पीड़िता के परिवार और आरोपियों की सुरक्षा पर चिंता भी जाहिर की है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा, 'इस मामले में ट्रायल पूरी तरह से निष्पक्ष होना चाहिए। यह चाहे पीड़िता के परिजनों के लिए हो या आरोपियों के लिए। इनकी सुरक्षा भी सुनिश्चित की जानी चाहिए।'
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वहीं वकीलों के कार्रवाई में बाधा डालने के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने माना है कि जिनकी गलती है उन्हें कानून के मुताबिक सजा मिलनी चाहिए।
सुप्रीम कोर्ट में बार काउंसिल ऑफ इंडिया की जांच समिति ने जम्मू बार एसोसिएशन के वकीलों पर लगे पीड़िता की वकील दीपिका सिंह को धमकाने और चार्जशीट को रोकने के आरोपों को खारिज किया।
हालांकि इस मामले में आरोपी चाहते हैं कि पीड़िता के पिता की तरफ से दायर की गई याचिका में उन्हें भी पार्टी बनाया जाए। साथ ही उन लोगों ने कठुआ मामले की जांच को सीबीआई को सौंपे जाने की मांग की।
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Source : News Nation Bureau