पत्रकार तरुण तेजपाल के विरुद्ध यौन उत्पीड़न के मामले में समय-सीमा 31 मार्च 2021 तक बढ़ाते हुए, सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को कहा कि अगर वह वीडियो कांफ्रेंस के जरिए मुकदमे के लिए तैयार हो जाएंगे, तो यह दो महीने के अंदर समाप्त हो जाएगा. कोविड-19 महामारी के बीच शिकायतकर्ता महिला ने अपनी क्रास एग्जामिनेशन वीडियोकांफ्रेंस के जरिए कराने की मांग की थी, तेजपाल ने हालांकि इसका कड़ाई से विरोध किया था.
न्यायमूर्ति अशोक भूषण की अध्यक्षता वाली पीठ ने पाया कि मुकदमे की सुनवाई कर रहे न्यायमूर्ति ने वैध आधार पर मामले में सुनवाई को बढ़ाया है. पीठ ने कहा कि 31 प्रत्यक्षदर्शियोंकी जांच होनी बाकी है. गोवा सरकार की ओर से पेश सॉलिस्टिर जनरल तुषार मेहता ने कोर्ट की बात पर सहमति जताई. वहीं वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने जोर देकर कहा कि सुनवाई को आगे नहीं बढ़ाया जाना चाहिए.
सुप्रीम कोर्ट की पीठ ने सिब्बल से कहा, आप वीडियो कांफ्रेंस के जरिए ट्रायल के लिए तैयार नहीं हैं, नहीं तो यह दो महीने के अंदर समाप्त हो जाता. संक्षिप्त सुनवाई के बाद, शीर्ष अदालत ने मामले में सुनवाई की अंतिम तिथि 31 मार्च 2021 तक बढ़ा दी. पहले सुनवाई इसी साल 31 दिसंबर को समाप्त होनी थी.
तरुण तेजपाल पर हैं ये आरोप
एक पूर्व जूनियर महिला सहकर्मी ने पत्रकार तरुण तेजपाल पर 2013 में गोवा में उनके द्वारा आयोजित एक सम्मेलन थिंकफेस्ट के दौरान दुष्कर्म करने का आरोप लगाया था जिसके बाद गोवा की निजली अदालत में उनके खिलाफ बलात्कार और यौन उत्पीड़न का मामला दायर किया गया था. तेजपाल ने सुप्रीम कोर्ट में दाखिल की गई याचिका में दोषी नहीं होने का दावा किया था और खुद को निर्दोष बताया था. हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने याचिका को खारिज करते हुए गोवा की निचली अदालत में तेजपाल के खिलाफ तय आरोप रद्द करने से मना कर दिया.
Source : News Nation Bureau