Shraddha Walkar Murder Case : राजधानी दिल्ली का श्रद्धा मर्डर केस अब हॉर्रर फिल्मों की तरह मर्डर मिस्ट्री बनता जा रहा है. इसकी सबसे बड़ी वजह यह कि पुलिस की लाख कोशिशों के बाद भी यह केस बजाए सुलझने के और उलझता जा रहा है. अब जबकि इस मामले में शुरू हुई पुलिस जांच को 15 दिन से भी ज्यादा का समय हो गया है, बावजूद इसके पुलिस को आरोपी आफताब अमीन पूनावाला के खिलाफ कोई ठोस सबूत हाथ नहीं लग रहे हैं. पुलिस को अभी न तो श्रद्धा का सिर और मोबाइल मिला और न ही वारदात में इस्तेमाल किया गया हथियार. यहीं नहीं पुलिस को शक है कि आफताब पुलिस से सच तो छिपा ही रहा है, बल्कि गुमराह भी कर रहा है. यही वजह है कि पुलिस अब आरोपी का नार्को टेस्ट और पॉलीग्राफी कराने की तैयारी में है.
साल 2018 में हुई थी कहानी की शुरुआत
खैर, ये तो रही पुलिस कार्रवाई की बात. अब हम आपको बताते हैं कि घटना से जुड़े कुछ अहम तथ्य. जानकारी के अनुसार श्रद्धा वॉल्कर मुंबई के वसई इलाके की रहने वाली है. बात 2018 की जब श्रद्धा वहीं एक कॉल सेंटर में काम करती थी तो उसकी मुलाकात आफताब अमीन पूनावाला से हुई. दोनों नजदीकियां बढ़ीं तो मुलाकातें प्यार में बदल गईं और दोनों ने साथ रहने का फैसला कर लिया. हालांकि श्रद्धा के परिवार को उसका आफताब के साथ रहना पसंद नहीं था, लेकिन वो नहीं मानी. 2019 में जब श्रद्धा की मां की डेथ हो गई तो वह कुछ दिनों के लिए अपने पिता के साथ रहने वसई स्थित अपने घर आ गई. इस दौरान श्रद्धा को उसके पिता ने बहुत समझाया और आफताब के साथ न रहने के लिए कहा, लेकिन वो नहीं मानी और फिर से आफताब के पास चली गई. हालांकि 2020 में दोनों के बीच झगड़े और मारपीट की भी जानकारी मिली, बावजूद इसके दोनों साथ रहते रहे. 8 मई को आफताब श्रद्धा को लेकर दिल्ली के महरौली इलाके में आ गया और वहीं फ्लैट रहकर रहने लगा. जिसके बाद उसने 18 मई को दिल दहलाने वाली घटना को अंजाम दे दिया.